भुवनेश्वर : ओड़िशा पुलिस ने कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते भुवनेश्वर और कटक में सभी धार्मिक समागमों पर रोक लगा दी है. पुलिस ने बताया कि धार्मिक नेता भी सामने आए हैं और नौ अप्रैल को शब-ए-बारात के मौके पर मस्जिदों और कब्रिस्तान में लोगों के जमा नहीं होने की अपील की. पुलिस आयुक्त के कार्यालय ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है कि कोरोना वायरस की महामारी और संबंधित नियमावली और दिशानिर्देश के तहत कटक और भुवनेश्वर में किसी भी धार्मिक समागम पर रोक है. यह जानकर खुश हुई कि धार्मिक नेता आगे आए और नौ अप्रैल को शब-ए-बारात के मौके पर मस्जिदों और कब्रिस्तानों में लोगों के एकत्र होने के खिलाफ अपील की.
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अधिकारी ने बताया कि दिल्ली के निजामुद्दीन में हुई घटना के बाद राज्य सरकार धार्मिक समागमों को लेकर बहुत सतर्क है, क्योंकि निजामुद्दीन की घटना ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलाने में अहम भूमिका निभायी. अधिकारी ने बताया कि मौजूदा समय में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भुवनेश्वर में कोरोना वायरस के संक्रमण के इलाज करा रहे 60 वर्षीय व्यक्ति ने सूर्यनगर स्थित अपने आवास पर संक्रमण की पुष्टि होने से पहले पूजा करायी थी और बाद में सूर्यनगर के नौ और लोगों को कोरोना वायरस संक्रमित पाया गया.
बता दें कि ओड़िशा में कोरोना वायरस संक्रमण के सामने आए 42 मामलों में 34 अकेले भुवनेश्वर में आए है. अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने किसी भी धर्म के व्यक्ति के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने पर रोक लगायी है. अधिकतम 20 लोग ही अंतिम संस्कार में शामिल हो सकते हैं और उन्हें सामाजिक दूरी का अनुपालन करना होगा. सामाजिक दूरी को कायम रखने के लिए सरकार ने पुरी के भगवान जगन्नाथ मंदिर, भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर और अन्य बड़े मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगायी है. इसके साथ ही, मस्जिदों और गिरिजाघरों में भी सामूहिक प्रार्थना पर पाबंदी लगायी गयी है.