रांची : हिंदपीढ़ी की 54 वर्षीय महिला में कोरोना से पीड़ित होने के लक्षण चार अप्रैल को ही मिल गये थे. लेकिन, महिला का सैंपल लेकर उसे घर भेज दिया गया था. कोराेना संदिग्ध होने पर महिला को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर लिया जाता, तो कुछ और लोगों के कोरोना संदिग्ध होने की संभावना नहीं रहती.
महिला को दो दिन तक घर में रखा गया. सोमवार को जब महिला की जांच रिपोर्ट आयी है, तो जाकर रिम्स प्रबंधन अौर जिला प्रशासन की नींद खुली. आनन-फानन में महिला को रिम्स के कोविड-19 अस्पताल में लाया गया.
इधर, महिला के परिजनाें की जांच रिपोर्ट मंगलवार की देर रात को आने की उम्मीद है. टास्क फोर्स की टीम व जिला प्रशासन को रिपोर्ट आने तक चिंता लगी है. उनको यह लग रहा है कि कहीं इस लापरवाही के कारण घर परिवार के अलावा मोहल्ला के लोग तो प्रभावित न हो गये हों.