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आयुष चिकित्सकों का बढ़ा वेतन, अब मिलेंगे 44 हजार, बुधवार को पहुंचेगा 15 हजार टेस्ट किट

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार राज्य के सभी आयुष चिकित्सकों के मानदेय में बढ़ोतरी की गयी है. मुख्यमंत्री ने राज्य के आयुष चिकित्सकों को यह विश्वास दिलाया था कि उनका मानदेय बढ़ाया जायेगा. इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) तथा मुख्यधारा में कार्यरत आयुष के अंतर्गत क्रमशः 1637 एवं 1384 आयुष चिकित्सकों को इसका लाभ मिलेगा.

पटना : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार राज्य के सभी आयुष चिकित्सकों के मानदेय में बढ़ोतरी की गयी है. मुख्यमंत्री ने राज्य के आयुष चिकित्सकों को यह विश्वास दिलाया था कि उनका मानदेय बढ़ाया जायेगा. इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) तथा मुख्यधारा में कार्यरत आयुष के अंतर्गत क्रमशः 1637 एवं 1384 आयुष चिकित्सकों को इसका लाभ मिलेगा.

पहले से आरबीएसके चिकित्सकों को 27956 रुपये एवं मुख्यधारा में कार्यरत आयुष चिकित्सकों को 32089 रुपये प्रतिमाह प्राप्त होता था. मंगल पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि सभी आयुष चिकित्सकों को अब 44 हजार प्रति माह की राशि दी जायेगी. सभी आयुष चिकित्सकों को इसका लाभ 7 दिसंबर, 2018 की तिथि से मान्य होगा.

सात दिसंबर, 2018 से 31 मार्च, 2020 अवधि के लिए बकाया अंतर्वेतन की राशि 75 करोड़ 41 लाख रुपये विभिन्न जिलों को भुगतान करने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा आवंटित किया गया है. शीघ्र ही इस राशि का भुगतान सभी संबंधित आयुष चिकित्सकों के खाते में चली जायेगी. आयुष चिकित्सकों के मानदेय में बढ़ोतरी किये जाने से उनकी चिरप्रतीक्षित मांग पूरी हो गयी है. साथ ही सभी आयुष चिकित्सकों को अप्रैल माह से 44 हजार रुपये नियमित मानदेय मिलेगा. राज्य के विभिन्न जिलों में कार्यरत 3021 आयुष चिकित्सकों को इसका लाभ मिलेगा.

मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना वायरस की जांच के लिए 15 हजार जांच की टेस्टिंग किट बुधवार को पटना पहुंचेगा. यह टेस्ट किट बिल गेट्स मिलिंडा फांउडेशन द्वारा राज्य सरकार को कोरोना वायरस की जांच में सहयोग के लिए दिया जा रहा है. साथ ही अन्य आवश्यक सामग्रियों की अधिप्राप्ति लगातार हो रही है.

आज भागलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाजरत मुंगेर के छह मरीज दो निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद स्वस्थ होकर वापस घर लौट गये हैं. राज्य के कुल 225 स्थानों पर कोरेंटाइन फेसिलिटी काम कर रही है, जहां 7,450 कमरे कोरेंटाइन की सुविधा के लिए उपलब्ध हैं. पिछले दिनों दूसरे राज्यों से आये लोगों की स्क्रीनिंग का काम सघन रूप से संपूर्ण राज्य के दूर-दराज क्षेत्रों में भी किया जा रहा है. सभी जिलों के सिविल सर्जन को यह सख्त निर्देश दिया गया है कि बाहर से आये लोगों को आवश्यकतानुसार कोरेंटाइन में रखें एवं स्क्रीनिंग कर आवश्यकतानुसार संभावित मरीजों का जांच सैंपल जांच केंद्रों पर भेजें.

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