देश-दुनिया में कोरोनावायरस के कारण कोहराम मचा है. दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका अपने सबसे मुश्किल दौर में है तो वहीं भारत के लिए ये हफ्ता काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाला है. मौजूदा हफ्ते में यह तय होगा कि देश में कोरोना वायरस का संक्रमण स्थिर होता है या नहीं. इस पर निर्भर करेगा कि लॉकडाउन समाप्त होगा या फिर इसे बढाया जायेगा. सरकारी अधिकारियों से मिले डेटा के अनुसार दिल्ली के तबलीगी जमात के कारण भारत में कोरोना वायरस इस समय तेजी से फैलाव की स्थिति है.
अगर तबलीगी जमात का मामला नहीं हुआ होता तो आज भारत कोरोना के खिलाफ बेहतर स्थिति में होता. भारत सरकार के एक शीर्ष सरकारी डेटा विश्लेषक प्रयोगशाला के अनुमान के अनुसार, भारत में कोरोना वायरस का अंतिम चरण नौ मई से शुरू होना चाहिए. आईसीएमआर ने भी मार्च के शुरुआती हफ्ते में कहा था कि अप्रैल मध्य तक कोरोना की स्थिति पर ही आगे बात की जाएगी. बता दें कि प्रयोगशाला ने यह अनुमान देशभर में जरूरी चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने वाली एक ताकतवर सरकारी पैनल के साथ साझा भी किया है. यह पैनल महामारी रोकने में जुटी एजेंसियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी करता है.
बता दें कि प्रयोगशाला ने यह अनुमान अतिसंवेदनशील-संक्रमित- ठीक हुए (SIR) मॉडल पर लगाया है. हालांकि अभी तक इसका पता नहीं चल सका है कि तबलीगी जमात द्वारा फैलाए गए संक्रमण की सीमा कहां तक है. यह अनुमान घरेलू डेटा और चीन सहित सबसे ज्यादा संक्रमित देशों के अध्ययन के बाद निकाला जाता है. इन अनुमानों को महामारी के प्रसार को रोकने में लगी एजेंसियों के साथ रणनीति बनाने के लिए साझा भी किया जाता है. भारत में जब कोरोना का संक्रमण स्थिर होने की ओर बढ़ रहा था तभी दिल्ली के तबलीगी जमात के मामले ने देश के कई हिस्सों में इसे तेजी से बढ़ा दिया.
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, देश में अभी कोरोना वायरस का मामला बेकाबू नहीं हुआ है और 21 दिनों का लॉकडाउन खत्म होने के बाद इसके थमने की संभावना भी ज्यादा है. अधिकारियों के अनुसार, डेटा विश्लेषणों से निकले अनुमान से हमें लॉकडाउन की स्थिति को आसान करने की योजना बनाने में मदद मिलेगी. हालांकि, लोगों को अब भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का कड़ाई से पालन करने की जरुरत है.
कई मामलों में नंबर वन अमेरिका अब कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले में भी नंबर वन हो गया है. अमेरिका में 3,21,000 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं. इस पूरे संकट को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन विरोधियों के निशाने पर आ गया है. बिजनसमैन से राष्ट्रपति बने ट्रंप जल्द से जल्द देश के कई हिस्सों में चल रहे लॉकडाउन को खोलना चाहते हैं ताकि अर्थव्यवस्था को बचाया जा सके. अमेरिका के सर्जन जनरल जेरोम एडम ने रविवार को कहा, ‘ज्यादातर अमेरिकी लोगों के लिए यह सप्ताह सबसे कठिन और सबसे दुखद सप्ताह होने जा रहा है. यह हमारे लिए पर्ल हार्बर, 9/11 मूवमेंट होने जा रहा है. हालांकि यह केवल स्थानीय स्तर पर नहीं होगा. इस चेतावनी के बाद माना जा रहा है कि न्यूयॉर्क और मिशिगन में चल रहा कोरोना संकट अन्य राज्यों में बढ़ सकता है.