कोलकाता : कोरोना महामारी से पीड़ित लोगों के साथ एकजुटता जताने के लिए एक दीया जलाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान को पटाखे फोड़कर विफल करने वालों ने प्रदूषण का लेवल कई गुणा बढ़ा दिया. लॉकडाउन की वजह से पूरे देश में कल-कारखाने, कंपनियां, संस्थान, लगातार कार्बन उत्सर्जन करती गाड़ियां बंद हैं. इसलिए हवा धीरे-धीरे स्वच्छ हो रही है.
Also Read: Covid19 Pandemic: बंगाल के बुजुर्गों को उम्मीद, जल्द खत्म होगा कोरोना वायरस का संकट
प्रधानमंत्री के आह्वान के अनुसार रविवार की रात 9:00 बजे से 9 मिनट के लिए दीप जलाने का कार्यक्रम था. लेकिन, इस दौरान कोलकाता समेत पूरे बंगाल में लोगों ने जमकर पटाखे जलाये. कोलकाता में पुलिस ने पटाखे जलाने वाले 98 लोगों को गिरफ्तार किया. सोमवार को पता चला कि पूरे राज्य में कम से कम छह करोड़ रुपये के पटाखे लोगों ने जला दिये.
हालांकि, पुलिस और प्रशासन के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं था कि ये पटाखे आखिर आये कहां से. जब पटाखे की खरीद-बिक्री हो रही थी, तो प्रशासन कहां था. उस वक्त उसने सक्रियता क्यों नहीं दिखायी.
Also Read: बंगाल में ‘कोरोना वायरस’ ने करा दी हिंसा, जमकर हुई बमबाजी-गोलीबारी में एक की मौत, बीरभूम में तनाव
पटाखा विक्रेता एसोसिएशन के अधिकारी बाबला रॉय ने बताया कि जब पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा था, तब पटाखा विक्रेताओं ने रविवार को जमकर आमदनी की. उन्होंने बताया कि केवल 9 मिनट में कोलकाता समेत पूरे राज्य में कम से कम 6 करोड़ रुपये के पटाखों की बिक्री हुई है.
उनसे जब पूछा गया कि लॉकडाउन में कहां बैठकर पटाखों की बिक्री हुई, तब उन्होंने बताया कि चूंकि प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को ही दीये जलाने का आह्वान कर दिया था, इसलिए इस बात का एहसास हो गया था कि दीये जलाने के साथ-साथ लोग पटाखे भी फोड़ सकते हैं.
Also Read: कोलकाता में घोड़ों पर कोरोना वायरस का कोड़ा, बग्घी की सवारी कराने वाले जानवर को उनके हाल पर छोड़ा
इसलिए कोलकाता समेत राज्य भर के विभिन्न क्षेत्रों में जो लोग पटाखे बेचते हैं, वे लोग उनके पास आये और ऑर्डर देकर चले गये. बहुत से ऐसे भी पटाखा विक्रेता हैं, जिनके पास पहले से मौजूद स्टॉक था. इसलिए घर बैठे पटाखों की आसानी से बिक्री हो गयी.
जबर्दस्त आतिशबाजी के कारण कोलकाता समेत राज्य भर की हवा का प्रदूषण लेवल कई गुणा बढ़ गया. विश्व स्वास्थ्य संगठन के नियमानुसार हवा में धूल-कण की मात्रा 25 माइक्रोन से अधिक नहीं होनी चाहिए. रविवार रात सिर्फ 9 मिनट की आतिशबाजी की वजह से यह मात्रा 6 गुणा बढ़ गया. रविवार रात कोलकाता में एयर क्वालिटी इंडेक्स 156 पर था, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है. हालांकि, सोमवार सुबह तक एक बार फिर यह धीरे-धीरे सामान्य होने लगा था.