बड़कागांव : झारखंड में हजारीबाग जिला के बड़कागांव प्रखंड में कोरोना वायरस की वजह से घोषित लॉकडाउन ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. लोग अपने खेतों पर नहीं जा पा रहे हैं. गेहूं की फसल बर्बाद हो रही है. किसानों को लाखों रुपये के नुकसान का अनुमान है.
इसलिए किसान बेसब्री से लॉकडाउन के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे अपनी फसल घर ला सकें. गेहूं के साथ-साथ टमाटर, मिर्च, तरबूज, खरबूज, लहसुन, प्याज, खीरा समेत अन्य फसलें पानी के अभाव में बर्बाद हो रही है. चूंकि किसान खेतों पर नहीं जा रहे, इसलिए इन फसलों की सिंचाई भी नहीं हो रही. फलस्वरूप फसलें मुरझा रही हैं.
हजारीबाग में कोरोना वायरस के एक संक्रमित मरीज के पाये जाने के बाद लोगों में हड़कंप मच गया है. बड़कागांव और इसके आसपास के इलाके के लोग बेहद सतर्क हो गये हैं. सख्ती से लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं. लोगों ने अपने-अपने गांवों एवं मुहल्लों की सीमा पर लकड़ी के बैरियर लगा दिये हैं.
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सीमा पर स्पष्ट लिख दिया गया है कि किसी भी बाहरी व्यक्ति का गांव में प्रवेश वर्जित है. गांव वालों का कहना है कि हमारे गांव के लोग भी अगर बाहर से लौट रहे हैं, तो उनको भी गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है. बंद का मतलब बंद है. ग्रामीणों ने कहा कि जो लोग बाहर से आ रहे हैं, उन्हें कहा जा रहा है कि वे पहले अपने स्वास्थ्य की जांच करा लें, फिर गांव में आयें.
लॉकडाउन के दौरान शुक्रवार को भी बड़कागांव की सड़कें सुबह से सुनसान रहीं. लोग अपने-अपने घरों में ही सिमटे रहे. सुबह के समय कुछ लोग बाजारों में नजर जरूर आये, लेकिन इनका आना जरूरी था. जो लोग बाजार में दिखे वे दूध, दही, फल, सब्जी, अनाज आदि खरीदने के लिए निकले थे.
उल्लेखनीय है कि झारखंड में कोरोना वायरस से संक्रमित 2 मरीज अब तक मिले हैं. इनमें से एक हजारीबाग जिला के विष्णुगढ़ प्रखंड का रहने वाला है. यह व्यक्ति पश्चिम बंगाल के आसनसोल में मजदूरी करता था और बीमार पड़ने के बाद वहां से अपने घर लौटा था. हजारीबाग के अस्पताल से उसके रक्त और स्वाब के नमूने रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) भेजे गये थे.
रिपोर्ट में पता चला कि 52 साल का यह व्यक्ति जानलेवा कोरोना वायरस से संक्रमित है. इसके बाद उसके संपर्क में आये कई और लोगों को क्वारेंटाइन कर दिया गया. हजारीबाग के अस्पताल में उस व्यक्ति का इलाज चल रहा है, लेकिन पूरे जिला के लोग इससे डर गये हैं. यही वजह है कि लोगों ने लॉकडाउन में घर से निकलना भी बंद कर दिया है.