दरभंगा. दिल्ली के निजामुदीन से तबलीगी जमात से जुड़े 10 विदेशी मौलवी पिछले माह बिहार के दरभंगा जिले आये थे. इन लोगों ने करीब एक सप्ताह तक यहां की करीब दजर्नभर मस्जिदों में तकरीर भी की थी. लॉकडाउन के बीच ही सभी मौलाना 24 मार्च को सड़क मार्ग से पटना गये और वहां से उनके दिल्ली चले जाने की सूचना है. सभी 10 मौलाना म्यांमार के निवासी बताये जाते हैं. निजामुदीन में तबलीगी मरकज के जरिए कोरोना वायरस के संक्रमण का फैलाव होने का खुलासा होने के बाद पुलिस ने इसकी जांच शुरू की है. बताया जाता है कि ये सभी 15 मार्च के आसपास दिल्ली से ट्रेन के माध्यम से दरभंगा पहुंचे थे.
दिल्ली वापसी के लिए भी इन सभी की ट्रेन में सीट बुक थी. इसी दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर लॉक डाउन का निर्देश जारी हो गया. ट्रेन बंद कर दिया गया. इस वजह से सभी निजी वाहन से यहां से निकल गये. खुलासा होने के बाद इन मौलिवयों के निकट संपर्क में आये लोगों में दहशत है. विदेशी लोगों के यहां आने की जानकारी पुलिस को भी नहीं दी गयी थी. इन लोगों को स्थानीय स्तर पर सुविधा दिलाने में शामिल एक वार्ड पाषर्द समेत कुछ नामी लोग पुलिस की रडार पर हैं. पुलिस मामले की छानबीन में जुट गयी है. एसएसपी बाबू राम ने सदर एसडीपीओ व लहेरियासराय थानाध्यक्ष को मामले की जांच का आदेश दिया है. एसएसपी ने कहा है कि मामले में शामिल लोगों पर कानूनी कारर्वाई की जायेगी.
ट्रेन बंद हुई तो सभी सड़क मार्ग से निकल गये
तबलीगी जमात के मौलवी मस्जिदों में रहकर धर्म का प्रचार करते हैं. दरभंगा में भी इस तरह का कार्यक्रम समय-समय पर होते रहता है. इसी कड़ी में म्यांमार के रहने वाले ये लोग निजामुद्दिन से यहां पहुंचे थे. अपने प्रवास के दौरान शहर सिहत जिला के प्रमुख मस्जिदों में इनका कार्यक्रम हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों के शरीक होने की बात कही जा रही है. सूत्र बताते हैं कि इन सभी की वापसी ट्रेन से होनी थी.
इसके लिए दिल्ली जानेवाली ट्रेन में आरक्षण कराया गया था. वापसी का टिकट 27 मार्च का बना था. इसी बीच 22 मार्च को जनता कर्फ्यू को लेकर 21 मार्च की रात 10 बजे से 22 मार्च की रात 10 बजे तक ट्रेनों का परिचालन बंद रहा था. वहीं 25 मार्च से पूरे देश में लागू लॉक डाउन हो गया. पूरे देश में यात्री ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह बंद कर दिया गया. आनन-फानन में इन सभी मौलिवयों के लिए चारपिहया गाड़ी का प्रबंध किया गया. मामला सामने आते ही जिला प्रशासन एक्टिव मोड में आ गया है.