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देश के सबसे स्वच्छ शहर में कोरोना से हाहाकार,MP में सबसे ज्यादा मामले यहीं से

कोरानावायरस ने भारत के करीब सभी राज्यों में दस्तक दे दी है. सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र और केरल में है. मुंबई में 300 से ज्यादा लोग चपेट में हैं. देश के सबसे स्वच्छ शहर में शुमार मध्य प्रदेश के इंदौर में भी कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है.

कोरानावायरस ने भारत के करीब सभी राज्यों में दस्तक दे दी है. सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र और केरल में है. मुंबई में 300 से ज्यादा लोग चपेट में हैं. देश के सबसे स्वच्छ शहर में शुमार मध्य प्रदेश के इंदौर में भी कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है. प्रदेश में सबसे ज्यादा मामले इंदौर शहर से ही है. मध्य प्रदेश में इस घातक वायरस के कारण 7 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 100 लोग चपेट में है. गुरुवार को इंदौर की 65 वर्षीय महिला ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. इंदौर में अबतक 76 मामलों की पुष्टि हुई है. गौर करने पर इंदौर में सामने आए पॉजिटिव केसों की तस्वीर साफ होती दिखती है.

दरअसल, मध्यप्रदेश में कोरोना से पहली मौत हुई थी उज्जैन की रहने वाली राबिया की. राबिया की मौत के बाद 30 मार्च को इंदौर में रहने वाले राबिया के रिश्तेदार कोरोना पॉजिटिव 41 साल के साजिद की मौत एमवाई अस्पताल में हो गई. बताया जा रहा है कि साजिद राबिया के जनाजे में भी गए थे. उज्जैन में अब तक 6 पॉजिटिव केस में से 29 मार्च को कोरोना पॉजिटिव का एक और केस आया. वो कोई और नहीं बल्कि मृतक राबिया की पोती है. जबकि राबिया के बेटे कमालुद्दीन कोरोना पॉजिटिव हैं और इंदौर में भर्ती हैं. 30 मार्च को राबिया के पोते को भी कोरोना पॉजिटिव के चलते भर्ती कर लिया गया है.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस बात को मानते हैं कि ये इंदौर के भीड़भाड़ वाले इलाके हैं जहां घनी आबादी है. यही वजह है कि कोरोना वायरस तेजी से इंदौर को अपनी चपेट में ले रहा है. वैसे इंदौर के हालात को सिलसिलेवार समझने की कोशिश करें तो 25 मार्च से कोरोना ने इंदौर में अपने पैर पसारना शुरू कर दिए थे. सबसे पहले 25 मार्च को ही इंदौर के 4 और उज्जैन का 1 पॉजिटिव मामला आया था. उसके बाद मामला बढ़ता ही चला गया. बीते दो दिन में आकंड़ों में तेजी आई है.

आंकड़े भी गवाह हैं कि पूरे मध्यप्रदेश में इंदौर सबसे ज्यादा प्रभावित है, हालांकि इंदौर में इलाज के लिए अस्पतालों की ग्रीन, येलो और रेड तीन कटेगरी बनाई गई है. इसमें ग्रीन कटेगरी में इंदौर के ज्यादातर अस्पताल होंगे जिसमें कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की एंट्री नहीं होगी बल्कि सामान्य मरीजों का इलाज होगा. दूसरा येलो कटेगरी में 7-8 अस्पताल होंगे जिसमें करोना के संदिग्ध मरीजों को रखा जाएगा. इसके अलावा रेड कटेगरी में अरविंदो और एमवाई को चुना गया है जहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज किया जाएगा.

स्वास्थ्य आयुक्त पर गिरी गाज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोविड-19 की समीक्षा बैठक में एक कड़ा कदम उठाया. कोरोना महामारी को नियंत्रित नहीं कर पाने की वजह से श्री चौहान ने मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य आयुक्त प्रतीक हजेला को उनके पद से हटा दिया. उल्लेखनीय है कि इस महामारी की चपेट में आये मरीजों की स्थिति स्थिर बनी हुई है. अब तक मिली रिपोर्टों के मुताबिक, मध्यप्रदेश में कुल करीब 100 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. इनमें इंदौर के सर्वाधिक 76 मरीज शामिल हैं. इसके अलावा, जबलपुर के आठ, उज्जैन के छह, भोपाल के चार, शिवपुरी एवं ग्वालियर के दो-दो एवं खरगोन में एक मरीज में भी इस संक्रमण की पुष्टि हुई है.

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