Supreme Court directs Media to Stop disseminating unverified news amidst coronavirus crisis : सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी खबरों को लेकर मीडिया को निर्देश जारी किया है.
देश की सबसे बड़ी अदालत ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया सहित सभी तरह के मीडिया को सावधानी बरतने की सलाह दी है. शीर्ष अदालत ने कहा है कि मीडिया अप्रमाणित और डर फैलाने वाली खबरें न दे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि शहरों में काम करने वाले बड़ी संख्या में मजदूरों के पलायन की वजह फर्जी खबरें थीं, जिनमें कहा गया था कि लॉकडाउन तीन महीने से ज्यादा समय तक जारी रहेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फर्जी खबरों के चलते प्रवासी मजदूरों के पलायन को नजरअंदाज नहीं कर सकते. हम मुख्य रूप से प्रवासी मजदूरों के कल्याण को लेकर चिंतित हैं.
कोर्ट ने कहा कि हम विश्वास करते हैं और उम्मीद करते हैं कि इस देश के सभी संबंधित अर्थात राज्य सरकारें, सार्वजनिक प्राधिकरण और नागरिक ईमानदारी से सार्वजनिक सुरक्षा के हित में जारी निर्देशों, सलाह और आदेशों का पालन करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि विशेष रूप से हम मीडिया (प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक या सोशल मीडिया) से अपेक्षा करते हैं कि वे जिम्मेदारी की एक मजबूत भावना बनाये रखें और यह सुनिश्चित करें कि घबराहट पैदा करने में सक्षम असत्यापित समाचार प्रसारित न हों.
भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अब सरकार 24 घंटों के भीतर लोगों की शंकाओं को दूर करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य मंचों सहित सभी माध्यमों के जरिये एक दैनिक बुलेटिन जारी करेगी.
कोर्ट ने कहा कि फर्जी खबरों के चलते बड़ी संख्या में सड़कों पर आने से लोगों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा. कुछ लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी.
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि वह कोरोना की महामारी के बारे में बताने से मीडिया को रोक नहीं रहा है. लेकिन, कोरोना की खबरें देने में मीडिया को सरकार की तरफ से पेश तथ्यों और जानकारी का इस्तेमाल करना चाहिए.