कोडरमा : बिहार के सीमावर्ती जिले कोडरमा में लॉकडाउन व धारा 144 का अनुपालन सही से नहीं होता दिख रहा है. जिला प्रशासन के द्वारा बॉर्डर को पूरी तरह सील किए जाने के दावे की हवा निकलती दिख रही है. बॉर्डर सील करने के कुछ घंटे बाद ही देर रात जहां दूसरे प्रदेशों की कुछ गाड़ियां जिले में सरपट दौड़ती दिखी तो दूसरी ओर मंगलवार सुबह लॉक डॉउन के बीच झुमरी तिलैया शहर के सीडी गर्ल्स स्कूल में छात्राओं को एक साथ बुला कर मध्यान भोजन के चावल का वितरण किया गया.
जबकि विभागीय निर्देशानुसार बच्चों को स्कूल में नहीं बुलाना है. मामला संज्ञान में आने पर डीसी रमेश घोलप ने इसका संज्ञान लिया है. उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जांच का निर्देश दिया है. साथ ही किसी भी हाल में बच्चों को मध्यान भोजन का चावल लेने के लिए स्कूल में नहीं बुलाने का निर्देश दिया है.
इधर दूसरे प्रदेशों से मजदूरों और अन्य लोगों का आना विभिन्न माध्यमों से जारी है. मंगलवार को भी कई मजदूर पैदल तो कई साइकिल से अपने गंतव्य की ओर जाते दिखे. रांची पटना रोड स्थित बाईपास में एक मजदूर ने बताया कि वह इलाहाबाद से चलकर यहां पहुंचा है. रास्ते में वो किसी वाहन से लिफ्ट भी लिया.
जबकि एक दूसरे मजदूर ने बताया कि वह सोनीपत से निकला था. बीती रात झारखंड बॉर्डर पर उसे रोक दिया गया. रात 12 बजे के करीब 15 सहयोगियों के साथ वह किसी तरह वहां से निकल गया और पैदल चलकर यहां पहुंचा है. उसे गिरिडीह जिले के तीसरी जाना था.
इधर गिरिडीह जिले के ही जमुआ के रहने वाले 2 मजदूर साइकिल से जाते दिखे उन्होंने बताया कि वे मिर्जापुर से ही साइकिल से आ रहे हैं करीब 350 किलोमीटर का सफर उन्होंने चार दिन में तय किया है.
इधर बॉर्डर सील किए जाने व लगातार चल रही जांच का कुछ असर भी दिख रहा है. जिले के नवलसाही थाना क्षेत्र अंतर्गत बरियारडीह में पुलिस ने जांच के दौरान एक कंटेनर से 40 मजदूरों को उतारकर सभी को नजदीकी क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा है. इससे पूर्व सोमवार शाम को भी एसपी एम तमिल वानन ने बागी टांड चेकनाका पर एक कंटेनर से 13 मजदूरों को उतारकर क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेज दिया था.