नयी दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम सोमवार को 23 डॉलर प्रति बैरल के साथ 17 साल के निचले स्तर तक पहुंच गया. बहरहाल, भारत में पेट्रोल, डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है. तेल कंपनियां दाम में आयी गिरावट को सरकार की उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) वृद्धि के साथ समायोजित करने में लगी हैं. विश्व बाजार में ब्रेंट क्रूड तेल का भाव गिर कर 23 डॉलर प्रति बैरल तक आ गया है.
यह नवंबर 2002 के बाद का सबसे कम भाव है. वहीं अमेरिका का कच्चा तेल कुछ समय के लिए 20 डॉलर से भी नीचे चल रहा था. दुनिया भर में कोरोना वायरस से आवाजाही पर सख्त पाबंदियों के चलते कच्चे तेल की मांग में भारी कमी आयी है, जबकि इसका भंडार काफी बढ़ गया है.
क्रूड इंपोर्ट बिल
7.83 लाख करोड़
वर्ष 2019-20
7.43 लाख करोड़
वर्ष 2020-21 : भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम 14 दिन से स्थिर
देश में फिलहाल पेट्रोल, डीजल के दाम पिछले 14 दिन से लगातार रुके हुए हैं. आखिरी बार 16 मार्च को दाम संशोधित किये गये थे. तब से तेल कंपनियां सरकार द्वारा दोनों ईंधनों में तीन रुपये प्रति लीटर की उत्पाद शुल्क वृद्धि को समायोजित करने में लगीं हैं. दिल्ली में पेट्रोल का दाम 69.59 रुपये लीटर पर है, जबकि मुंबई में यह 75.30 रुपये प्रति लीटर के भाव बिक रहा है. इसी प्रकार दिल्ली में डीजल का दाम 62.29 रुपये लीटर है, जबकि मुंबई में यह 65.21 रुपये लीटर बिक रहा है.
कोरोना से क्रूड इंपोर्ट बिल में छह फीसदी की गिरावट
पेट्रोलियम प्लानिंग और एनालिसिस की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना से पेट्रोल डीजल की कम खपत से सरकार को कच्चे तेल के आयात के लिए चुकाया जाने वाला बिल में छह प्रतिशत की गिरावट आयेगी. इससे सरकार को 40,000 रुपये की बचत होगी.
सरकार के एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के बाद भी दाम नहीं बढ़े
सरकार के पेट्रोल, डीजल के उत्पाद शुल्क में तीन रुपये की वृद्धि से दाम बढ़ सकते थे, लेकिन तेल कंपनियों ने वैश्विक बाजार में तेल के दामों में गिरावट का लाभ उठाते हुए बोझ अपने ऊपर ही रखा. ईंधन के खुदरा मूल्यों को नहीं बढ़ाया. सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क में आठ रुपये लीटर तक की अतिरिक्त वृद्धि करने की भी अनुमति ली है.
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