रांची : रिम्स के कोविड-19 अस्पताल (न्यू ट्रॉमा सेंटर) में सोमवार को कोरोना वायरस के स्क्रीनिंग डेस्क और कोरोना हेल्प डेस्क को शिफ्ट कर दिया गया है. ट्राॅमा सेंटर पूरी तरह कोविड-19 अस्पताल की गाइडलाइन के हिसाब से सेवा दे रहा है. रिम्स टास्क फोर्स द्वारा मरीज को भर्ती करने, जांच करने और इलाज करने का पूरा प्लान बनाया गया है. पंजीयन और स्क्रीनिंग का काम चालू है.सोमवार को करीब 150 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी, जिसमें से पांच लोगों को जांच के लिए भेजा गया.
रखी गयी है पूरी तैयारी : यहां रूट मैप तैयार किया है. इसमें बताया गया है कि सामान्य फ्लू और बाहर से आने की हिस्ट्रीवाले मरीजों की स्क्रीनिंग कहां होगी? अगर स्क्रीनिंग में डॉक्टर को लगता है कि व्यक्ति की जांच की जरूरत है, तो ऐसे में उसको किस रास्ते पेइंग वार्ड के आइसोलेशन में जाना है.
अगर जांच रिपोर्ट निगेटिव आती है, तो उसको कौन-कौन सी दवा देकर होम क्वारेंटाइन में भेज देना है. वहीं स्वाब जांच में अगर व्यक्ति कोविड-19 के लिए पॉजिटिव पाया जाता है, तो निर्धारित एक्शन प्लान के तहत उसको ट्रॉमा सेंटर के कोविड-19 अस्पताल में इलाज के लिए लाया जायेगा. जांच पॉजिटिव आने पर संबंधित व्यक्ति को पूरी सतर्कता से इलाज के लिए लाया जायेगा. इसका ख्याल रखा गया है कि कोविड-19 का मरीज किसी अन्य व्यक्ति के संपर्क में नहीं आये.
इलाज के लिए 92 बेड की व्यवस्था : रिम्स के कोविड-19 अस्पताल में फिलहाल 92 बेड की व्यवस्था कर ली गयी है. टास्क फोर्स के डॉ निशित कुमार ने बताया कि मरीज पंजीयन प्लान कोरोना के लिए तैयार गाइडलाइन के हिसाब से तैयार किया गया है.
सोमवार को हुई सबसे ज्यादा 56 जांच, 14 निगेटिव
रांची. रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में सोमवार को सबसे ज्यादा 56 लोगों की जांच की गयी. पहली पाली में 14 लोगों के सैंपल की जांच की गयी, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आयी है. वहीं शेष 42 लोगों के सैंपल जांच के लिए रात नौ बजे मशीन में लगाये गये. जांच में करीब छह घंटे का समय लगता है, इसलिए रिपोर्ट देर रात करीब एक बजे तक आने की उम्मीद है. माइक्रोबायाेलाॅजी विभाग के डॉ मनोज कुमार ने बताया कि 14 रिपोर्ट निगेटिव आयी है. शेष जांच रिपोर्ट देर से आयेगी.
रिम्स को मिले तीन हजार जांच किट
रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग को काेविड-19 की जांच के लिए तीन हजार किट उपलब्ध कराये गये हैं. जांच किट पर्याप्त मात्रा मेंं आने से अब ज्यादा से ज्यादा संख्या में सैंपल की जांच की जायेगी. माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार ने बताया कि तीन हजार किट मिल गये हैं. जांच की संख्या मंगलवार से बढ़ायी जायेगी.
तीन शिफ्टों में काम कर रहा है कोविड-19 जिला नियंत्रण कक्ष
रांची. नोवेल कोराेना वायरस के प्रकोप से बचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा जिला नियंत्रण कक्ष बनाया गया है. यहां तीन शिफ्टों में लगातार कार्य कर मॉनिटरिंग की जा रही है. समस्याग्रस्त लोगों द्वारा लगातार कंट्रोल रूम को सूचनाएं दी जा रही हैं. अब तक विभिन्न स्रोतों से 1844 सूचनाएं मिली हैं, जिनमें से 1705 का अनुपालन कराया गया है. यह जानकारी डीपीआरअो वीरेंद्र कुमार चाैबे ने दी. उन्होंने बताया कि कंट्रोल रूम के टोल फ्री नंबर 1950, 104, व्हाट्सएप, ई-मेल आदि से सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं. नियंत्रण कक्ष में गैस सिलिंडर की आपूर्ति की सबसे अधिक शिकायतें आ रही हैं. कोविड-19 को लेकर भी सूचना मांगी जा रही है.
डीपीआरअो ने बताया कि कई लोग बाहर से आये थे, लेकिन लॉक डाउन की वजह से फंस गये. उनकी सूचना पर उन्हें शेल्टर मुहैया कराया जा रहा है. सभी बुनियादी सुविधाएं प्रशासन की अोर से दी जा रही हैं. इसके लिए दिगंबर जैन भवन में 85 व मारवाड़ी भवन में 47 लोगों को ठहराने की व्यवस्था है. कई छात्रावासों में रह रही छात्राअों की सूचना पर आवश्यक कदम उठाये गये हैं. जमाखोरी व अधिक दाम पर सामान बेचने की शिकायतें भी आ रही हैं.
इसके नियंत्रण के लिए 34 फ्लाइंग स्क्वायड की टीम दो शिफ्टों में काम कर रही है. वहीं नियंत्रण कक्ष में चिकित्सक और पुलिस अधिकारी भी तैनात किये गये हैं. ये तीन शिफ्ट में तैनात हैं. दिन में गैस कंपनियों के प्रतिनिधि भी गैस सिलिंडर की शिकायतें दूर करने के लिए उपस्थित रहते हैं. डीपीआरअो श्री चाैबे ने बताया कि कर्मी लगातार तीन शिफ्टों में काम कर रहे हैं. सुबह सात बजे से दो बजे तक, दो बजे से रात 10 बजे तक और 10 बजे से सुबह सात बजे तक रोटेशन में कार्य किया जा रहा है.
चिकित्सक, गैस कंपनियों के प्रतिनिधि और पुलिस अधिकारी भी हैं शिफ्टों में तैनात
नियंत्रण कक्ष को कई स्रोतों से 1844 सूचनाएं प्राप्त हुईंं, 1705 का अनुपालन