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Corona Effect : दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों के पास ना तो पैसे हैं, ना ही खाना प्रवासी मजदूरों की पीड़ा

कोरोना संकट के मद्देनजर पूरे देश में लॉकडाउन है. ऐसे में झारखंड के कई लोग देश के अलग-अलग इलाकों में फंसे हुए हैं. ये लोग विभिन्न कंपनियों में कार्य कर रहे थे. अचानक उत्पन्न विषम परिस्थिति में उनके सामने खाने-पीने और रहने का संकट खड़ा हो गया है. सभी अपने घर यानी झारखंड आना चाहते हैं.

रांची : कोरोना संकट के मद्देनजर पूरे देश में लॉकडाउन है. ऐसे में झारखंड के कई लोग देश के अलग-अलग इलाकों में फंसे हुए हैं. ये लोग विभिन्न कंपनियों में कार्य कर रहे थे. अचानक उत्पन्न विषम परिस्थिति में उनके सामने खाने-पीने और रहने का संकट खड़ा हो गया है. सभी अपने घर यानी झारखंड आना चाहते हैं. प्रभात खबर से संपर्क कर प्रवासी मजदूरों ने अपनी पीड़ा साझा़

पिता की हो गयी मृत्यु, अंतिम संस्कार में नहीं ले सके हिस्सा

गिरिडीह के जमुआ में रहनेवाले बोधो महतो की 28 मार्च को मृत्यु हो गयी. उनके दो बेटे गणेश महतो व सुधीर महतो सूरत में फंसे हैं. दोनों क्रियाकर्म ने शामिल होना चाहते हैं, लेकिन वहां फंसे हैं. उनके साथ वहां 15 लोग फंसे हुए हैं. (फोन नंबर : 9724393137)

पुणे में भवनाथपुर के 15 फंसे

भवनाथपुर के पचादुमार के 15 वर्कर्स पुणे के पिम्परी-चिंचवट में फंसे हुए हैं. वे कहते हैं कि पुणे में निजी कंपनी में काम कर रहे थे. कंपनी बंद हो गयी. अब इनके पास पैसे भी नहीं हैं. खाने की दिक्कत हो रही है. कोई प्रबंध नहीं हो रहा है. पुणे में ही आदित्यपुर इलाके के 15 लोग हैं. वहां एचवाइटी कंपनी में प्रेम कुमार कराई सहित अन्य हैं. अभी सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन के पास लॉज में हैं. कहते हैं खाने-पीने और रहने की दिक्कत हो गयी है. मदद की गुहार लगा रहे हैं. (फोन नंबर : 6361948646)

हैदराबाद में फंसे गिरिडीह के 40 लोग

गिरिडीह की देवरी पंचायत के करीब 40 लोग हैदराबाद में फंसे हुए हैं. उन्होंने बताया कि वे होटल में काम करते थे. गुडडू यादव सहित अन्य जिस होटल में काम कर रहे थे, उसका मालिक होटल बंद कर महाराष्ट्र चला गया. कहते हैं कि अब पैसे भी नहीं है. खाने की समस्या हो रही है. (फोन नंबर : 7799116412)

वाइजाग से आना चाहते हैं 30 कामगार

नगरउंटारी (गढ़वा) के 30 कामगार विशाखापत्तनम में काम करते हैं. वे वहां न्यू गजुआका की एलएंडटी कॉलोनी में रहते हैं. कहते हैं दिक्कतों से घिरे हैं और अब लौटना चाह रहे हैं. (फोन नंबर : 9662425720)

मुंबई में गढ़वा के 40 कामगार

गढ़वा के समंदर प्रजापति सहित करीब 40 कामगार मुंबई में हैं. वे वहां एसीजी कैप्सूल कंपनी में काम करते हैं. कंपनी आशागढ़ में है. वे खाना-पीना और देखभाल के अभाव में लौटना चाह रहे हैं. (फोन नंबर : 8459874393)

सूरत में फंसे हैं गिरिडीह के सुरेंद्र

गिरिडीह के सुरेंद्र महतो 10 लोगों के साथ सूरत में फंसे हैं. उनके साथ महिलाएं भी हैं. वे कहते हैं कि वहां के एलएच रोड टिकमनगर स्थित फैक्ट्री में काम करते थे. पैसे खत्म हो गये हैं. संकट बढ़ता जा रहा है और अब लौटना चाहते हैं. (फोन नंबर : 7761924553)

बेंगलुरु में फंसे लेस्लीगंज के लोग

पलामू के लेस्लीगंज निवासी अरविंद कुमार 20 लोगों के साथ बेंगलुरु में फंस गये हैं. उन्होंने बताया कि वहां मराथाहल्ली कृष्णराजापुरम स्थित डीटीएस कंपनी में काम करते हैं. कंपनी बंद है. खाने का संकट है. वह संकट से उबारने का आग्रह कर रहे हैं. (फोन नंबर : 6201069562)

आम लोग भी फंसे हैं लॉकडाउन में, बतायी परेशानी

मैं कसमार, बोकारो का निवासी हूं. मैं दादरा नगर हवेली में खण्वेल चौक के बगल में (किरण स्पिनिंग मिल) में ऑपरेटर के पद पर कार्य करता हूं. यहां पर पिछले कुछ दिनों से रहने ओर खाने की बहुत ज्यादा असुविधा हो रही है. दुकान में सामान नहीं मिल रहा है. सामान मांगने पर जवाब मिलता है कि तुम लोग काम नहीं करते हो, तो पैसे कहां से दोगे. बाहर निकलने पर पुलिस पीट रही है. मेरे साथ, मेरे आठ साथी भी हैं. आपसे विनती करता हूं कि कम से कम खाने की सुविधा कर दी जाये. जल्द ही कुछ उपाय करें महोदय. नहीं तो कोरोना से बाद में होगा, भूख हमें पहले ही मार देगी. (नवीन कुमार महतो, फोन : 7228879387)

मैं गोड्डा का रहने वाला हूूं. मैं मोहाली (पंजाब) के फेज आठ बी, प्लॉट 455 में हूं. हम पांच लोग हैं. हमारे पास खाने-पीने का कोई सामान नहीं है. पैसे भी नहीं हैं. कृपा कर मदद करें. (कुंदन कुमार यादव, फोन : 7739736767)

मैं हावड़ा (पश्चिम बंगाल) में काम करता हूं. मैं घर वापस आना चाहता हूं. रास्ता में फंस गया हूं. मेरे पास खाने के भी पैसे नहीं हैं. कुछ करिये. (फोन नंबर : 9911434659)

अनेजा जॉनको कंपनी, चेलपुर, जिला भोपालपाली, तेलेंगाना में गढ़वा के रहने वाले 60 मजदूर फंसे हुए हैं. कंपनी लॉकडाउन के दौरान भी लोगों को डरा-धमका कर काम ले रही है. सभी मजदूरों को छोटे से कमरे में रख कर पूरे दिन काम कराया जा रहा है. हेल्पलाइन नंबर पर मदद नहीं मिल रही है. हेल्पलाइन पर पीड़ा बताने के बाद भी सुनने वाले व्यक्ति ने कोई आश्वासन या मदद नहीं दी. (वीरेंद्र प्रसाद, फोन : 9113386593,9693260091)

मैं धनबाद से कोलकाता पढ़ाई करने आया था. मेरे पास रोजमर्रा की चीजें खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं. मेरे पास खाने के लिए भी कुछ नहीं है. पिछले दो दिनों से मैंने कुछ नहीं खाया है. मेरी मदद करें. (नवनीत राज, फोन : 8406056816)

मैं दिल्ली में रंगपुरी पहाड़ी, वसंत कुंज में फंसा हुआ हुआ हूं. मेरे पास खाने के लिए कुछ नहीं है. कहीं से कोई सहायता नहीं मिल रही है. (अनवर अंसारी, फोन : 9971475703)

मैं अपने 15 साथियों के साथ मंगलोर के पास एक गांव में फंसा हुआ हूं. हमारी स्थिति बहुत खराब है. खाने को कुछ नहीं मिल रहा है. (उमेश यादव, फोन : 7004088959, 6299953545)

हमलोग करीब 60 लोग तेलंगाना में फंसे हुए हैं. हमारी मदद करिये. हमारे पास खाने को पैसे नहीं हैं. कहीं खाना मिल भी नहीं रहा है. हम वापस लौटना चाहते हैं. (गुड्डू यादव, फोन : 8978449426)

मेरे गांव के 50 से अधिक आदमी दिल्ली में काम करने आये थे. सभी बहुत मुश्किल में हैं. मैं अपने गांव में डिजिटल इंडिया का काम करता हूं. मैं पीजी में पढ़ाई कर रहा हूं. मैंने अपने सांसद से भी बात की, लेकिन मदद नहीं मिली. (फोन : 6205861079)

लातेहार जिला के 31 लोग भरूच (गुजरात) में पिंटू रुद्रा कंस्ट्रक्शन कंपनी में फंसे हुए हैं. इन्हें भी भोजन नहीं मिल पा रहा. (फोन: 8511706653)

नेपाल में फंसे दुमका के 50 मजदूर, सभी दाने-दाने को हैं मोहताज

दुमका : नेपाल के सिंधुपालचौक में दुमका के 50 मजदूर फंसे हुए हैं. पूरे भारत में लॉकडाउन की वजह से ये स्वदेश नहीं लाैट पा रहे हैं. कुछ दिन पूर्व ही नेपाल गये दुमका के इन मजदूरों को वहां परेशानी हो रही है. उनके पास न राशन है और न ही पीने का पानी. वे लोग वहां बाहर भी निकल नहीं पा रहे हैं.

नेपाली भाषा की जानकारी न होने तथा वहां बाहरी समझकर स्थानीय लोग उनका सहयोग भी नहीं कर रहे हैं. उनलोगों ने झारखंड सरकार से मदद की गुहार लगायी है. हाइड्रो पावर प्लांट में काम करने गये इन मजदूरों को लेकर दुमका के सामाजिक कार्यकर्ता सच्चिदानंद सोरेन ने इन मजदूरों द्वारा भेजे गये वीडियो को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, सांसद सुनील सोरेन व डॉ निशिकांत दुबे को ट‍्वीट किया था.

जामा के आठ मजदूर आंध्रप्रदेश में फंसे : उदलखाप (जामा) के आठ मजदूर सापूर जी कंपनी (श्री हरिकोटा, आंध्रप्रदेश) में फंसे हुए हैं. मजदूर श्यामसुंदर पंडित, अंगोद पंडित, शिवचंद्र पंडित, मनु पंडित, अनिल पंडित, मुकेश पंडित, बलि पंडित, अर्जुन राय के परिजनों ने झारखंड सरकार से गुहार लगायी है कि उनके लिए राशन आदि की व्यवस्था की जाये.

यहां से भी कॉल आये

समीर बोदरा (7739113354) बिल्डिंग लाइन में 15 लोग हैं. खाना नहीं है.

मंगल (6207186391) बुंडू थाना के बगल में 60 मजदूर है. इनके पास खाने का कोई सामान नहीं है.

गढ़वा जिला के 60 मजदूर तेलंगाना अनेजा जानवो कंपनी में फंसे हुए हैं. इन्हें भी खाना नहीं मिल पा रहा. (फोन: 9113386593)

गिरिडीह के 10 मजदूर टीकमनगर (सूरत) में रह रहे हैं. (फोन: 7761924553)

झारखंड के मुकेश मंडल समेत एक दर्जन लोग मुंबई के धारावी राजीव गांधी मार्ग ब्लॉक नंबर 3/c /7 में रह रहे हैं. (फोन: 9004716514)

गढ़वा जिले के 15 लोग पुणे के पिंपरी पिछवाड़ा में फंसे हैं इनके पास न तो खाने का समान है और न ही पैसा. (फोन: 6361948646)

झारखंड निवासी जावेद अंसारी बिलासपुर कोटा में फंसे हुए हैं उनके पास ना तो पैसा है ना ही खाने के सामान. (फोन: 6205276881)

भवनाथपुर के अमित कुमार समेत 42 लोग भिलाई (रायपुर) में फंसे हुए हैं. इन्हें खाने का सामान नहीं मिल पा रहा. (फोन: 7488240767)

कैलाश कुमार रवानी समेत 15 लड़के-लड़कियां देहरादून (उत्तराखंड) में फंसे हुए हैं. (फोन: 7856003411)

एक मरीज सीएमसी, वेल्लोर (तमिलनाडु) में फंसा हुआ है. (फोन: 6200217852)

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