पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के लोगों से बात करके उनसे फीडबैक लेकर तुरंत उन्हें तुरंत मदद देने का निर्देश दिया है. उन्होंने मुख्य सचिव दीपक कुमार को निर्देश दिया कि बाहर फंसे जो लोग फोन करते हैं, तो ऐसे लोगों को वापस फोन कर समस्याओं की जानकारी लें. उनके समाधान के लिए तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें सहायता उपलब्ध करायें. मुख्यमंत्री ने सोमवार को एक अणे मार्ग स्थित आवास पर उच्चस्तरीय बैठक की.
हालात पर चर्चा की. बाहर फंसे लोगों को होने वाली समस्याओं और मुख्यमंत्री आवास के दूरभाष, आयुक्त के हेल्पलाइन नंबर और आपदा प्रबंधन विभाग की हेल्पलाइन नंबर पर फंसे हुए लोगों से प्राप्त सूचनाओं के संबंध में गहन समीक्षा भी की. सीएम ने कहा कि जो लोग बाहर से आ गये हैं, उनकी स्क्रीनिंग करें. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित किया जाये कि उन्हें किसी तरह की समस्या नहीं हो. कोरोना के संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वाले संदिग्ध लोगों की गहन ट्रैकिंग करायी जाये. उनका सघन टेस्ट कराया जाये. आवश्यक उपकरण, टेस्टिंग किट और अन्य आवश्यक सामाग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाये.
उधर, दूसरी ओर प्रशांत किशोर ने दूसरे राज्यों से बिहार आने वाले लोगों के साथ हो रहे ‘दिल दुखाने’ वाले बर्ताव पर मुख्यमंत्री की आलोचना की. उनका इस्तीफा मांगा. किशोर ने ट्वीट किया,‘कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने की सरकारी कोशिशों की एक और भयावह तस्वीर. देश के अनेक हिस्सों से भारी मुश्किलों का सामना करके बिहार पहुंचने वाले गरीबों के लिए सामाजिक दूरी बनाने की नीतीश की यह व्यवस्था दिल दुखाने वाली है. एक छोटा वीडियो टैग किया जिसमें एक स्थान में कुछ लोग बंद हैं. उनमें से एक कठिनाइयों का जिक्र करते हुए रोने लगता हैं. देश के विभिन्न हिस्से से कामगार बिहार लौट रहे हैं.
तेजस्वी ने डॉक्टरों को जरूरी उपकरण मुहैया कराने का आग्रह किया
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्विटर हैंडल और अन्य सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर वीडियो शेयर कर कहा है कि देश को 56 सांसद (50 एनडीए) देने वाले बिहार का इतना बुरा हाल है कि डॉक्टरों को वीडीओ बनाकर मदद की गुहार करनी पड़ रही है. टि्वटर से उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से डॉक्टरों को जांच-पड़ताल, उपचार के उचित अति जरूरी उपकरण मुहैया कराने की मांग की.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय बोले : अब बिहार के सभी सदर अस्पतालों में होगा सैंपल कलेक्शन
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सोमवार को कहा कि अब राज्य के दूरदराज के लोगों के सैंपल उनके ही जिले में ही संगृहीत कर जांच सेंटर तक भेजे जायेंगे. राज्यवासियों की परेशानियों को देखते हुए सभी जिलों के सदर अस्पतालों में जांच कलेक्शन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. पीएमसीएच में आइसोलेशन वार्ड में बेडों की संख्या 20 से बढ़ाकर 120 कर दी गयी है.
उन्होंने बताया कि राज्य में कुल 977 सैंपलों की जांच हुई है, जिनमें 962 निगेटिव और 15 पाॅजिटिव पाये गये हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को डाॅ विमल कारक, डाॅ सहजानंद और डाॅ अमर कुमार अमर के नेतृत्व में स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर इस कठिन परिस्थिति में सभी सरकारी और गैरसरकारी डॉक्टरों के अलावा आमजनों को पूरा सहयोग करने का भरोसा दिलाया. इसके लिए मंगल पांडेय ने आइएमए, बिहार स्वास्थ्य प्रशासनिक सर्विस एसोसिएशन (भासा) और अन्य संगठनों का आभार प्रकट किया.
दिल्ली से ठेला लेकर चले 42 मजदूर, तीन दिन में गया के डोभी पहुंचे
गया. दिल्ली से ठेला पर लद कर 27 मार्च को खगड़िया के लिए चला 42 लोगों का जत्था सोमवार की दोपहर गया जिले के डोभी पहुंचा. इन मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण कंपनी बंद हो गयी. हम सभी के सामने खाने और पीने का संकट उत्पन्न हो गया था. मकान मालिक भी घर खाली करने का दबाव बना रहे थे. इसके बाद हम सभी ने खगड़िया अपने घर जाने का फैसला लिया. बिहार बॉर्डर पहुंचने पर सभी की स्क्रीनिंग की गयी. सभी की जांच कर उन्हें पर्ची दिया गया.
कोरोना के 40 संदिग्ध मरीज भर्ती, तीन आइसीयू में रखे गये
कोरोना से संक्रमण की आशंका में राज्य के विभिन्न अस्पतालों में सोमवार को 40 लोगों को भर्ती कराया गया है. अभी तक ऐसे भर्ती लोगों की संख्या कुल 151 हो गयी है. इधर राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों से कुल 869 सैंपल जांच के लिए आरएमआरआइ और आइजीआइएमएस में भेजे गये हैं. जांच के बाद 840 सैंपल निगेटिव पाये गये हैं. जबकि 11 का रिपोर्ट अभी तक नहीं मिला है.
इधर आरएमआरआइ,पटना में सोमवार को चार बजे तक कुल 136 नमूनों की जांच की गयी. इसमें एक भी सैंपल में वायरस नहीं पाया गया है. सोमवार को जांच किये गये सभी नमूने निगेटिव पाये गये हैं. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि राज्य में सोमवार तक कुल 15 कोरोना संक्रमित पाये गये हैं. इसमें चार लोग मुंगेर, पांच लोग पटना, एक नालंदा, एक सीवान, एक लखीसराय, एक बेगूसराय और दो सहरसा के रहने वाले हैं. राज्य में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत हुई है. राज्य भर में कुल 2376 लोगों को ऑब्जर्वेशन में रखा गया है. इसमें से 221 लोगों ने 14 दिनों के ऑब्जर्वेशन की अवधि पूरी कर ली है.
बेवजह अनाज वाहन रोकने पर दारोगा सस्पेंड
बांका. एसपी अरविंद गुप्ता ने धनकुंड थाना के एसआइ महेश्वर पासवान को निलंबित कर दिया. महेश्वर पर बेवजह से अनाज के वाहन को रोक कर डिस्टर्व करने का आरोप था. एसपी ने कहा सभी थानाध्यक्ष को साफ निर्देश है कि लॉकडाउन में अनाज की अति आवश्यकता है. लिहाजा, किसी भी सूरत में बेवजह वाहन को परेशान नहीं किया जाये. अंतराजीय तीन व जिला के चार बॉर्डर पर कड़ी पहरेदारी है. लॉकडाउन को पालन कराया जा रहा है. सड़क पर अनावश्यक रुप से घूमने पर में 2.01 लाख जुर्माना वसूला गया है. छह ट्रक मालिक पर केस दर्ज कर 184 वाहन को जब्त किया गया है. चार की गिरफ्तारी हुई है.
मुख्यमंत्री की लोगों से अपील : सोशल डिस्टेसिंग अपनाएं
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि कोरोना संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए हर व्यक्ति सचेत रहें. लोगों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है. इसके लिए जो जहां हैं, सोशल डिस्टेंसिंग को अपनायें. लोगों से कहा कि आप सब लोग घर में रहें, अनावश्यक रूप से बाहर नहीं निकलें. किसी को भी समस्या नहीं होने दी जायेगी. सीएम ने विश्वास व्यक्त किया कि आप सभी के सहयोग से हम सब मिलकर चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करने में सक्षम होंगे.
15 दिनों के अंतर से पहले रिफिल बुक नहीं करा सकेंगे
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने कोरोना के मद्देनजर उपभोक्ताओं से पैनिक बुकिंग नहीं कराने की अपील की है. अब 15 दिनों के अंतर पर ही एलपीजी की बुकिंग करायी जा सकेगी. इंडियन ऑयल के कार्यकारी निदेशक (बिहार-झारखंड) विभाष कुमार ने आश्वस्त किया कि बिहार-झारखंड में पेट्रोल, डीजल या एलपीजी को लेकर कोई किल्लत या कोई परेशानी नहीं है.
विशेषकर एलपीजी सिलिंडर के लिए आश्वस्त करना चाहता हूं कि आप लोग आश्वस्त रहें. एलपीजी की आपूर्ति सुचारु रूप से चल रही है और चलती रहेगी. पैनिक बुकिंग न करें. इससे सिस्टम पर अनावश्यक दबाव पड़ता है. कंपनी ने यह व्यवस्था शुरू की है कि कम-से-कम 15 दिनों के अंतर से पहले ग्राहक रिफिल बुकिंग नहीं करा सकेंगे.