पटना : कोरोना से जंग के बीच उम्मीद जगाने वाली खबर आयी है. एनएमसीएच में इलाज करा रहे कोरोना के दो पॉजिटिव मरीज अब निगेटिव हो गये हैं. इनकी नयी जांच रिपोर्ट जब रविवार को आयी तो आरएमआरआइ, एनएमसीएच से लेकर पूरे राज्य के स्वास्थ महकमे में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. वहीं, दूसरे पाजिटिव मरीजों और संदिग्ध मरीजों की भी हिम्मत बढ़ गयी. ये दोनों मरीज एनएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती होकर इलाज करा रहे थे. इसमें एक छह दिन पहले जबकि दूसरा चार दिन पहले पाॅजिटिव घोषित हुआ था. हालांकि निगेटिव आने के बाद भी एहतियात के तौर पर इन्हें अगले कुछ दिन रिकवरी वार्ड में रखा जायेगा.
बुधवार को इन दोनों का फिर से टेस्ट होगा और तब भी रिपोर्ट निगेटिव रही तो इन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जायेगी. ये दोनों ही मरीज युवा हैं. इनमें से एक की उम्र 21 वर्ष और दूसरे की 29 वर्ष है. एनएमसीएच में कोरोना के पांच पाजिटिव थे, जिनमें से दो के निगेटिव होने के बाद यह संख्या कम होकर तीन रह गयी है.
डॉक्टर ने कहा : मुश्किल वक्त में आशा की किरण : कोरोना पाॅजिटिव दो मरीजों के ठीक होने की इस उपलब्धि को एनएमसीएच के अधीक्षक डा निर्मल कुमार सिन्हा इस मुश्किल वक्त में आशा की किरण के तौर पर मानते हैं. वे कहते हैं कि राज्य में कोरोना पाॅजिटिव मरीजों के निगेटिव होने की यह पहली घटना है.
अब मरीज पूरी तरह से ठीक हैं. इसके बावजूद हम बुधवार को दोनों मरीजों का फिर से टेस्ट करवायेंगे. दुबारा निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही उन्हें डिस्चार्ज करेंगे. यहां इलाज से यह दोनों निगेटिव हो गये हैं. वे कहते हैं कि इस सफलता के बाद हमारा हौसला बढ़ा है और अब हम पहले से ज्यादा उत्साह से कोरोना मरीजों का इलाज करेंगे. हमारी कोशिश होगी कि किसी मरीज को मरने नहीं दें.
पटना एम्स से भी आ सकती है अच्छी खबर
इधर, सूचना के मुताबिक पटना एम्स में भर्ती कोरोना पाजिटिव की तबियत में तेजी से सुधार हो रहा है. डाक्टर उम्मीद जता रहे हैं कि आज या कल तक उसकी जांच रिपोर्ट भी निगेटिव आ सकती है. अगर ऐसा होता है तो पटना एम्स के लिए भी यह बड़ी सफलता होगी. यहां पूर्व में भर्ती मुंगेर के एक मरीज की मृत्यु इलाज के दौरान हो गयी थी. उसके मरने के बाद पता चला था कि मरीज कोरोना पाजिटिव था. इसी पाजिटिव मरीज ने ज्यादातर संक्रमण फैलाये थे और इसके कारण ही बिहार में एक के बाद एक कोरोना पाजिटिव कई केस सामने आये. पटना एम्स के कोरोना नोडल पदाधिकारी डा नीरज अग्रवाल कहते हैं कि एम्स में भर्ती मरीज की स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि वह जल्द ही ठीक हो जायेगा.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
करीब चार दशकों से वायरस पर काम कर रहे पीएमसीएच वायरलोजी यूनिट के प्रमुख डा सच्चिदानंद कुमार कहते हैं कि कोरोना के 80 प्रतिशत मरीज काफी आसानी से ठीक हो जाते हैं. इसमें मृत्यु दर करीब पांच प्रतिशत है. बुजुर्गों, पहले से गंभीर रोगों से बीमार लोगों, डायबिटिज के रोगियों को इसका खतरा ज्यादा है. हालांकि सभी को इससे बचने के लिए सावधान रहने की जरूरत है.
सैफ के संपर्क में रहे चार और मरीज हुए पॉजिटिव
पटना . सरकार की लाख कोशिश के बाद भी प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है. राज्य में रविवार को कोराना प्रभावितों की संख्या बढ़ कर 15 हो गयी. रविवार को आइजीआइएमएस में हुई जांच में चार नये मरीज कोरोना पॉजिटिव पाये गये. इन सभी के सेंपल भागलपुर मेडिकल कालेज से पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान जांच के लिए भेजे गये थे. यह सभी मुंगेर के मृत युवक सैफ अली के संपर्क में रहे हैं. मुंगेर के एक मरीज से 10 मरीज अबतक संक्रमित हो चुके हैं. मुंगेर के नेशनल अस्पताल में सैफ अली का इलाज हुआ था.
यह सभी इसी अस्पताल के कर्मी हैं. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डा संजय कुमार ने इसकी पुष्टि की है. विभाग ने नेशनल अस्पताल को सील करने काे कहा है. जिन लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव आयी है, उनमें से एक मुंगेर, एक बेगूसराय और दो सहरसा जिले के रहने वाले हैं.यह सभी फिलहाल मुंगेर के नेशनल अस्पताल में काम कर रहे थे. सैफ अली के संपर्क में आने वाले अब तक नौ लोग कोरोना पाजिटिव हो चुके हैं. आइजीआइएमएस में रविवार को 75 लोगों के सेंपल की जांच की गयी.
आरएमआरआइ में एक भी पाजिटिव नहीं
इधर, आरएमआरआइ की जांच रिपोर्ट में रविवार को एक भी सेंपल पॉजिटिव नहीं पाया गया. आरएआरआइ के निदेशक डा पीके दास ने बताया कि उन्हें 86 सेंपल जांच के लिए मिला है, जिसमें एक भी पाजिटिव नहीं है. पटना एम्स द्वारा जारी स्वास्थ्य बुलेटिन में बताया गया कि पिछले 24 घंटे में एक भी मरीज पाजिटिव नहीं पाया गया है. नोडल अफसर नीरज अग्रवाल ने बताया कि एम्स में पिछले 24 घंटे में 55 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी, जिसमें सभी निगेटिव पाये गये.