रांची : देशव्यापी लॉक डाउन के दौरान बाहरी आगंतुकों, जिनके पास आजीविका के साधन उपलब्ध नहीं हैं, उनकी चिकित्सकीय जांच कराने और आवश्यकतानुसार भोजन की व्यवस्था कराने का निर्देश झारखंड के सभी थानों को दिया गया है. भोजन वितरण के लिए थानों को खाद्य आपूर्ति विभाग व उपायुक्तों से सहयोग मिलेगा. भोजन वितरण के दौरान सोशल डिस्टेंस के मानक का पालन कराने को भी कहा है.
इसे लेकर शुक्रवार को डीजीपी एमवी राव ने पुलिस मुख्यालय के सभागार में सभी जिलों के एसपी और रेंज डीआइजी के साथ वीडियो काॅन्फ्रेसिंग की. काॅन्फ्रेंसिंग में एडीजी एमएल मीणा, आइजी नवीन कुमार सिंह, साकेत कुमार सिंह मौजूद थे.
आगंतुकों का लेना है पूरा ब्योरा: डीजीपी ने लॉकडाउन के दौरान बाहरी व्यक्तियों/आगंतुकों (सामान्य नागरिकों व छात्र/छात्राओं) की पूरी जानकारी लेने का भी निर्देश दिया है. लोगों की चिकित्सा जांच के बाद ही उनको गंतव्य स्थान पर भेजने की व्यवस्था की जायेगी. किसी की अकस्मात मौत के बाद शव को गंतव्य स्थान पर ले जाने की भी व्यवस्था करनी है.
मीडिया को आवश्यक सेवा मानते हुए दें सहूलियत : डीजीपी ने सभी एसपी को निर्देश दिया कि वे प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को आवश्यक सेवा मानते हुए उनके आवागमन/भ्रमण के दौरान उनके पहचान-पत्र के आधार पर उन्हें सहूलियत प्रदान करना सुनिश्चित करें.
आपदा में कालाबाजारी बहुत चिंतनीय : सीएम
रांची. सीएम हेमंत सोरेन ने आपदा की इस घड़ी में राज्य के व्यापारियों से कालाबाजारी पर रोक लगाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि कालाबाज़ारी की खबरें बहुत चिंतनीय है. मेरा सभी व्यापारी भाइयों से निवेदन है कि प्रशासन के साथ कालाबाजारी रोकने की मुहिम में हमारा साथ दें.
बाहर फंसे मजदूरों को संबंधित राज्य देंगे खाना, झारखंड में बंटेगा गुड़-चूड़ा
रांची : दूसरे शहरों और महानगरों में फंसे झारखंड के मजदूरों को संबंधित राज्य द्वारा खाने-पीने की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. इस पर होनेवाले खर्च की भरपाई झारखंड सरकार करेगी. राज्य के मुख्य सचिव डीके तिवारी द्वारा दूसरे राज्यों के मुख्य सचिवों से किये गये अनुरोध के बाद इस पर सहमति बनी है. इधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश पर राज्य के बेसहारा लोगों में को चूड़ा और गुड़ उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया है.
मुख्य सचिव डीके तिवारी ने बताया कि दूसरे राज्यों के मुख्य सचिवों से बातचीत हुई है. लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे झारखंड के मजदूरों को फिलहाल वापस लाना संभव नहीं है. इसलिए, उनके खाने-पीने और रहने का इंतजाम संबंधित राज्य में ही कराया जा रहा है. देश के विभिन्न राज्यों में झारखंड के लाखों मजदूर फंसे हुए हैं.
दूसरे राज्यों के मुख्य सचिवों ने झारखंड के मजदूरों को सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश अपने-अपने राज्य के जिलाधिकारियों को दे दिया है. डॉ तिवारी ने दूसरे राज्यों से झारखंड के नोडल पदाधिकारियों को उन जिलाधिकारियों से सीधे संपर्क करने की व्यवस्था बनाने का आग्रह किया है, जिन जिलों में झारखंड के मजदूर फंसे हुए हैं. शुक्रवार को नोडल अफसरों के साथ बैठक कर उन्होंने कहा कि मजदूरों के खाने-पीने पर होने वाले खर्च की जानकारी लेकर संबंधित जिलाधिकारी द्वारा बताये गये खाते में पैसा ट्रांसफर कर दें.