दिल्ली : कोरोना के फैलते संक्रमण के बीच काम से निकाल दिये गये लोग सिर पर छत और दो वक्त की रोटी की तलाश में घरों की तरफ निकल पड़े हैं. कोई पैदल चल रहा है, तो कोई साइकिल या ठेले पर अपनों का बोझ उठा रहा है. सबसे ज्यादा संख्या बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड के लोगों की है. ये लोग पिछले कई दिनों से चल रहे हैं. कइयों ने तो पांच दिन से कुछ खाया-पिया भी नहीं है.
बावजूद इसके किसी ने गोद में सात माह की बच्ची ले रखी है, तो कोई अपने पांच साल के बच्चे को कंधे पर उठाये चल रहा है. एक 70 साल की वृद्ध महिला भी पैदल गांव लौटने को मजबूर है. इस बीच गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को चिट्ठी लिख कामगारों, मजदूरों, छात्रों और अन्य लोगों के लिए खाने-पीने और रहने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा. बिहार और झारखंड सराकर ने अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की है और इस समस्या से अवगत कराते हुए हससंभव मदद की अपील की है.
भाजपा अध्यक्ष ने खाना और परिवहन मुहैया कराने का दिया निर्देश
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने कार्यकर्ताओं से पैदल लौट रहे मजदूरों को को खाना, सुरक्षा और पुलिस के साथ समन्वय बनाकर उनके गंतव्य तक पहुंचाने का निर्देश दिया. सभी राज्य प्रमुखों से बात कर उन्होंने यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि कम-से-कम पांच करोड़ गरीब लोगों को भाजपा कार्यकर्ता खाना मुहैया कराएं.
केजरीवाल ने मजदूरों से वापस दिल्ली लौटने का किया आग्रह
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पलायन कर रहे मजदूरों से दिल्ली लौटने का आग्रह किया है. दिल्ली सरकार ने भरोसा दिया है कि उनके खाने की व्यवस्था की जा रही है. वहीं कई एनजीओ भी इस काम में जुट गये हैं.