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राजधानी में श्रद्धाभाव से हुई सरहुल पूजा, जगलाल पाहन ने की भविष्यवाणी- इस साल राज्य में अच्छी बारिश के आसार

हातमा के जगलाल पाहन ने घड़ों में पानी की स्थिति देखकर भविष्यवाणी की है कि इस साल अच्छी बारिश होगी. सभी दिशाओं में करीब-करीब समान वर्षा होगी. इसलिए कृृषक यदि समय पर रोपनी करते हैं तो सभी जीव-जंतुओं को पर्याप्त अनाज मिलेगा.

रांची : राजधानी के मेन रोड में इस बार सरहुल की शोभायात्रा नहीं निकलने के कारण इसका रंग जरूर कुछ फीका नजर आया, पर लोगों की आस्था में कोई कमी नहीं दिखी. मौजा के अखड़ा में पाहन ने चार-पांच लोगों की उपस्थिति में पूजा की. मुर्गे, मुर्गियों की बलि चढ़ायी और समस्त सृष्टि की खुशहाली की कामना की. कोराना वायरस से बचाव के लिए उधर लोगों ने अपने घरों में ही पूजा की और एक दूसरे को प्रकृति के इस महापर्व की शुभकामनाएं दी.

अच्छी बारिश होगी, किसान समय पर रोपनी करें : हातमा के जगलाल पाहन ने घड़ों में पानी की स्थिति देखकर भविष्यवाणी की है कि इस साल अच्छी बारिश होगी. सभी दिशाओं में करीब-करीब समान वर्षा होगी. इसलिए कृृषक यदि समय पर रोपनी करते हैं तो सभी जीव-जंतुओं को पर्याप्त अनाज मिलेगा.

पूजा के दौरान उन्होंने सभी जीव-जंतुओं, प्रकृति और सारी सृष्टि की खुशहाली के लिए प्रार्थना की. यह प्रार्थना की कि दुनिया के लोगों को कोरोना वायरस से मुक्ति मिले, यह रोग राज्य में न फैले. उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे सादगी के साथ प्रकृति पर्व को मनायें. हर कोई अपने घर में सरहुल मनाये. उन्होंने बताया कि इस साल शनिवार को होने वाली फूलखोंसी की रस्म भी नहीं की जायेगी.

पूजा के दौरान सिंगबोंगा भगवान के नाम पर सफेद, हातु बोंगा ग्राम देवता के नाम पर रंगुवा, दरहा देशावली के नाम पर माला, पूर्वजों के नाम पर लुपुंग (रंगली) और बुरी आत्माओं को शांत करने के लिए काला मुर्गा अर्पित किया गया. ईष्ट देव के नाम पर तपावन भी चढ़ाया गया.

पाहन ने बताया कि पूजा में कुछ लोग ही शामिल हुए. इसमें लोगों ने मास्क लगाये रखा और एक दूसरे के साथ पर्याप्त दूरी बनाये रखा. पाहन के साथ सुरेश पाहन, निर्मल पाहन, केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा, कृष्णकांत टोप्पो व अन्य शामिल थे. पाहन के घर आने पर महिलाओं ने उनके पैर धोये. उनके सहयोगियों का भी पैर धोया गया. पाहन ने उम्रदराज महिलाओं के आंचल में फूल दिया. वहीं बच्चे, युवाओं को कान में फूल लगाया.

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने राज्य वासियों को प्रकृति पर्व सरहुल की शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही राज्यपाल ने नोबेल कोरोना (कोवेड-19) के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन का पूर्णत: पालन करने की अपील की.

सरना धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने ब्रांबे में अपने घर पर की पूजा

प्रकृति महापर्व सरहुल पर सरना धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने ब्रांबे स्थित अपने घर में सादगीपूर्ण तरीके से प्रकृति की उपासना कर सरहुल मनाया. विश्व के समस्त प्राणी और जीव-जगत को अपनी शुभकामनाएं दी. सरना माता से कोराना महामारी की समाप्ति के लिए कामना भी की. उन्होंने कहा कि सरहुल में शोभा यात्रा नहीं निकालकर आदिवासी समुदाय ने भी अपनी सजगता दिखायी है. भारत सरकार और झारखंड सरकार द्वारा कोरोना महामारी को लेकर उठाये गये कदमों की स्वागत करते हुए उन्होंने सभी सरना धर्मावलंबियों से इसका अनुपालन करने का आग्रह किया.

जनजातीय भाषा विभाग में सादगी से हुई पूजा

रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ हरि उरांव की उपस्थिति में पाहान शिवलाल हेमब्रम ने पूजा संपन्न करायी. पूजा में विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ बीरेंद्र कुमार महतो, कर्मचारी प्रभा मुंडा धरमा उपस्थित थे. पूजा के दौरान सभी ने पांच फीट की दूरी बना कर रखी. विभागाध्यक्ष डॉ हरि उरांव ने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे की वजह से लाकडाउन के मद्देनजर सादगीपूर्ण तरीके से पूजा की गयी.

प्रकृति से छेड़छाड़ का ही दुष्परिणाम है कि ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ गया है. ऐसी विकट परिस्थिति में सरहुल पर्व पूरी दुनिया के लोगों को एक नया जीवन दे सकता है. प्राकृतिक संतुलन को बिगड़ने से बचाने के लिए हम सबों को अपनी पूर्वजों की संस्कृति को आत्मसात कर प्रकृति की रक्षा का संकल्प लेना होगा. उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब विभाग का सरहुल पूजा महोत्सव बगैर किसी अतिथि, छात्र-छात्राओं व शोधकर्ताओं की उपस्थिति में मनाया गया. उन्होंने विभाग के सभी छात्र-छात्राओं, कर्मचारियों व शोधकर्ताओं से अनुरोध किया है कि वे सुरक्षा के दृष्टिकोण से अपने-अपने घर पर ही रहें.

शुरू में कम, बाद में भरपूर मात्रा में होगी बारिश : पाहन रोहित हंस

सिरम टोली सरना स्थल में मुख्य पाहन रोहित हंस, प्रकाश हंस, विकास हंस ने सरहुल की पूजा की. पाहन ने घड़ों में रखा पानी देख कर यह भविष्यवाणी की है कि इस वर्ष सामान्य वर्षा होगी. अाषाढ़ की शुरुआत में कम, बीच में उससे कम एवं अंतिम चरण में भरपूर मात्रा में वर्षा होगी. कुल मिलाकर फसल अच्छी होगी. सिरम टोली सरना स्थल में विभिन्न मौजा के पाहन, पोइनभोरा और कोटवार भी माथा टेकने और जल चढ़ाने के लिए गये. केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने विभिन्न क्षेत्रों के गांव मौजा के पाहनों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए सरना स्थल में प्रवेश करने से पहले सेनेटाइजर लगाकर जाने की अपील की थी.

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