नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मशहूर कलाकार एवं वास्तुकार सतीश गुजराल के निधन पर शुक्रवार को शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता ने उन्हें प्रतिकूल परिस्थितयों से उबरने में मदद की.
मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि सतीश गुजराल बहुमुखी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे. वे अपनी रचनात्मकता और दृढ़ प्रतिबद्धता के कारण सम्मान पाते थे, जिसने उन्हें प्रतिकूल परिस्थितयों से उबरने में मदद दी. उन्होंने कहा कि गुजराल की बौद्धिक जिज्ञासा उन्हें काफी आगे ले गई. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘उनके निधन से दुखी हूं. ओम शांति.’
Satish Gujral Ji was versatile and multifaceted. He was admired for his creativity as well as the determination with which he overcame adversity. His intellectual thirst took him far and wide yet he remained attached with his roots. Saddened by his demise. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 27, 2020
नायडू ने जताया शोक– उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मशहूर चित्रकार और लेखक सतीश गुजराल के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि उनके निधन से भारतीय कला जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है. गुजराल का बृहस्पतिवार को निधन हो गया था. वह 94 वर्ष के थे. नायडू ने ट्वीट कर कहा, सुप्रसिद्ध कलाकार सतीश गुजराल जी के निधन पर शोक व्यक्त करता हूं और ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं.’
कौन थे सतीश गुजराल- सतीश गुजराल का जन्म 25 दिसम्बर,1925 को ब्रिटिश इंडिया के झेलम (अब पाकिस्तान) में हुआ था. उन्होंने लाहौर स्थित मेयो स्कूल ऑफ आर्ट में पाँच वर्षों तक अन्य विषयों के साथ-साथ मृत्तिका शिल्प और ग्राफिक डिज़ायनिंग का अध्ययन किया.
बंटवारे के बाद गुजराल भारत आगये और आगे की करियर यहीं से शुरूआत किया. उनके प्रमुख कामों में दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर की दीवार पर अल्फाबेट भित्तिचित्र शामिल हैं. उन्होंने दिल्ली में बेल्जियम दूतावास को भी डिजाइन किया था. 1999 में उन्हें भारत का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.