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लगा दिया खाली ऑक्सीजन सिलिंडर, दम घुटने से हो गयी विधायक के परिजन की मौत, अस्पताल में हंगामा

सदर अस्पताल में इलाज के दौरान देवघर विधायक नारायण दास की सास की मौत हो गयी. जसीडीह थाना क्षेत्र के गौराडीह रोहिणी निवासी उमा देवी (60) को गुरुवार को सदर अस्पताल लाया गया था. आरोप है कि इलाज में लापरवाही के कारण विधायक की सास की मौत हो गयी.

देवघर : सदर अस्पताल में इलाज के दौरान देवघर विधायक नारायण दास की सास की मौत हो गयी. जसीडीह थाना क्षेत्र के गौराडीह रोहिणी निवासी उमा देवी (60) को गुरुवार को सदर अस्पताल लाया गया था. आरोप है कि इलाज में लापरवाही के कारण विधायक की सास की मौत हो गयी. विधायक सहित उनकी पत्नी व परिजनों ने कहा है कि सिविल सर्जन ने झूठ बोला कि उनकी सास को आइसीयू में भर्ती कर बेहतर तरीके से इलाज कराया जा रहा है. उमा देवी को महिला वार्ड में भर्ती किया गया था. उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी, ऑक्सीजन की जरूरत थी. पर जिस सिलिंडर के जरिये उन्हें ऑक्सीजन दिया जा रहा था, वह पूरी तरह खाली था. इससे दम घुटने से उमा देवी की मौत हो गयी.

सूचना पाकर विधायक खुद सदर अस्पताल पहुंचे, तो सिविल सर्जन सहित अस्पताल के डीएस को अन्य के साथ कमरे में कुर्सियों पर आराम से बैठे देखा. इसके बाद विधायक आक्रोशित हो गये. सूचना पाकर विधायक के अन्य परिजन व रिश्तेदार भी पहुंचे. अस्पताल में हंगामा शुरू हो गया. सीएस, डीएस सहित डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मियों को खूब खरीखोटी भी सुनायी गयी. मौके पर सीएस डॉ विजय कुमार सहित डीएस डॉ एसके मेहरोत्रा, डॉ बीपी सिंह व अन्य कई डॉक्टर भी मौजूद थे. सभी ने विधायक से कहा कि उमा देवी के इलाज का भरसक प्रयास किया गया. आइसीयू में बेड खाली नहीं रहने के कारण महिला वार्ड में शिफ्ट किया गया.

विधायक ने अस्पताल प्रबंधन को लगायी फटकार : विधायक ने कहा : मेरी सास की मौत सदर अस्पताल के चिकित्सकों की लापरवाही से हुई है. विधायक के अनुसार, उनकी सास को सांस लेने में तकलीफ थी. उन्हें आईसीयू में शिफ्ट करने के लिए गंभीर अवस्था में सदर अस्पताल भेजा गया था, लेकिन सदर अस्पताल में खानापूर्ति के लिए खाली ऑक्सीजन सिलिंडर लगा दिया गया. विधायक ने मामले की सूचना देवघर डीसी और एसडीओ को भी दी. इस क्रम में डीसी ने मामले की जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दी है.

सूचना के बाद पहुंची डीसी : इसके बाद डीसी नैंसी सहाय सहित डीडीसी शैलेंद्र लाल, एसडीएम विशाल सागर, प्रशिक्षु आइएएस रवि आनंद, एसडीपीओ विकास चंद्र श्रीवास्तव, नगर थाना प्रभारी विक्रम प्रताप सिंह अन्य पदाधिकारियों व पुलिस बलों के साथ पहुंचे. परिजनों को मामले की जांच कर दोषी को दंडित करने की बात कही गयी. इसके बाद बिना पोस्टमार्टम कराये उमा देवी का शव लेकर परिजन निकल गये. एसडीओ ने महिला वार्ड सहित आइसीयू की पंजी, भर्ती रजिस्टर, मृतका की बीएचटी के अलावा आइसीयू में भर्ती मरीजों की बीएचटी व खाली ऑक्सीजन सिलिंडर जब्त कर साथ ले गये.

दो डॉक्टरों सहित महिला वार्ड इंचार्ज, आइसीयू की एएनएम व वार्ड ब्वॉय से पूछताछ: मामले में डीसी नैंसी सहाय सहित एसडीएम ने विधायक की मौजूदगी में डॉ दिवाकर पासवान सहित डॉ कुंदन कुमार, महिला वार्ड इंचार्ज, आइसीयू की एएनएम व वार्ड ब्वॉय से पूछताछ की. डॉ पासवान ने कहा कि ट्रीटमेंट का फर्स्ट पार्ट उन्होंने नीचे इमरजेंसी में किया था, तब तक मरीज जिंदा थी. वार्ड में शिफ्ट करने के बाद की जानकारी से उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की. डॉ कुंदन ने कहा कि वार्ड में आकर चेक किया था, उस वक्त थोड़ा-थोड़ा ऑक्सीजन चल रहा था. आइसीयू की एएनएम ने कहा कि चार बेड पर मरीज भर्ती हैं और पांचवें बेड की मरीज को लेबर वार्ड भेजा गया है.

सदर अस्पताल के महिला वार्ड में उमा देवी को किया गया था भर्ती, सीएस ने विधायक को बताया-आइसीयू में चल रहा है इलाज

  • जांच में पाया गया सिलिंडर में नहीं था ऑक्सीजन

  • घटना के बाद परिजनों व समर्थकों ने किया हंगामा

  • सूचना मिलते ही डीसी, डीडीसी, एसडीएम, प्रशिक्षु आइएएस, एसडीपीओ, थाना प्रभारी सहित पुलिस पहुंची

  • विधायक ने सीएस पर भी लगाया है लापरवाही का आरोप, अब जांच टीम का खुद नेतृत्व कर रहे सीएस

सीएस को फोन पर दी थी सूचना – विधायक : इलाज में लापरवाही बरती गयी. ढाई घंटे पूर्व सीएस को फोन कर कहे थे कि इलाज के लिए सास को भेज रहे हैं, आइसीयू में भर्ती कर इलाज कराया जाये. बावजूद महिला वार्ड में लाकर छोड़ दिया गया और सीएस ने झूठ कह दिया कि आइसीयू में भर्ती कराकर इलाज कराया जा रहा है. इसी बीच पता चला कि सास की मौत हो गयी है. आने पर देखे कि खाली सिलिंडर से ऑक्सीजन का मास्क पहना दिया गया है.

बोले विधायक

पांच-छह बार स्वास्थ्य मंत्री को फोन किया पर उन्होंने रिसिव नहीं किया

सीएम को फोन करने पर सीएमओ से कहा गया कि वे अभी बैठक में हैं.

मेडिकल बोर्ड गठित प्रशासनिक जांच होगी : विधायक की सास के इलाज में लापरवाही की बात विधायक द्वारा कही जा रही है. मेडिकल बोर्ड का गठन कर जांच का निर्देश दिया गया है. प्रशासनिक जांच भी करायी जा रही है, जो भी दोषी होंगे कार्रवाई होगी.

नैंसी सहाय, डीसी देवघर

क्या कहते हैं सिविल सर्जन : लिपिक चितरंजन विश्वकर्मा से कहा था कि खुद जाकर उनका इलाज कराएं. उसने कहा कि आइसीयू में शिफ्ट कर डॉ पासवान इलाज कर रहे हैं. पुनः विधायक ने मौत की सूचना दी. घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. सभी डिमांड पूरी करते हैं, फिर भी खाली ऑक्सीजन सिलिंडर क्यों लगाया गया, यह सब डीएस को देखना था. मन कर रहा है कि मैं वीआरएस ले लूं.

डॉ विजय कुमार, सिविल सर्जन देवघर

अपनी अध्यक्षता में सिविल सर्जन ने की जांच टीम गठित : डीसी के निर्देश पर सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया. जिसमें सदर अस्पताल के डीएस डॉ एसके मेहरोत्रा व प्रभारी जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ विधु विबोध को शामिल किया है. 24 घंटे के अंदर मामले की जांच कर दोषी डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने की बात कही गयी है. इस संबंध में जारी पत्र में सिविल सर्जन ने कहा है कि विधायक ने डॉक्टर सहित स्वास्थ्यकर्मी द्वारा परिजन के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है.

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