जयपुर/मुंबई : राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कहा है कि पड़ोसी राज्यों से पैदल आ रहे हजारों लोगों को सीमा पर रोककर ही गहन स्क्रीनिंग की जा रही है. जरूरत पड़ने पर उन्हें पृथक रहने निर्देश भी दिया जा रहा है, ताकि प्रदेश का हर नागरिक महफूज रह सके. वहीं, महाराष्ट्र पुलिस ने ऐसे दो कंटेनर ट्रक पकड़े हैं, जिसमें 300 श्रमिकों को राजस्थान ले जाया जा रहा था.
उल्लेखनीय है कि पड़ोसी राज्यों से पैदल चलकर लोग राजस्थान के सिरोही, जालौर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर क्षेत्र में आ रहे हैं. शर्मा ने कहा कि राज्य में कोरोना पॉजिटिव के अब तक 43 मरीज पाये गये हैं. उन्होंने बताया कि गुरुवार को भीलवाड़ा निवासी नारायण सिंह (73) का निधन हो गया, जिन्हें मधुमेह था और किडनी में खराबी थी. उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ था.
मंत्री ने कहा कि हालांकि सरकार पूरे प्रदेश के प्रति सजग है, लेकिन पॉजीटिव मामलों का ग्राफ पिछले 3-4 दिनों में कुछ बढ़ा है. उन्होंने कहा कि सरकार भीलवाड़ा, झुंझुनूं, जयपुर, जोधपुर और प्रतापगढ़ जिलों में विशेष ध्यान दे रही है. उन्होंने बताया कि भीलवाड़ा के करीब 28 लाख लोगों में से 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग चिकित्सा विभाग द्वारा करवा दी गयी है.
श्री शर्मा ने बताया कि उनके सैंपल भी लिये हैं और जांचें भी हुई हैं. अगले दो दिनों 700 सैंपलों की जांच और हो जायेगी. शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें जगह-जगह घूम रही हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में जो 4 लाख लोग स्क्रीनिंग से बचे हुए हैं, अगले 2 दिनों में उनकी भी स्क्रीनिंग हो जायेगी.
श्री शर्मा ने कहा कि झुंझुनूं में पॉजिटिव केसेज बढ़ रहे हैं, वहां पर भी आरआरटी (रेपिड रिस्पांस टीम) और स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार निगरानी और सर्वे का काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य में एक लाख क्वारेंटाइन बेड तैयार कर लिये हैं. संदिग्धों की जांच की सुविधा जहां पहले 5 जिलों में थी, अब 9 जिलों में जांच हो रही है.
उन्होंने कहा कि राज्य के अलग-अलग जिलों में आवश्यकता के अनुसार चिकित्सकों को लगाने के लिए 735 डॉक्टरों की सूची सीएमएचओ को सौंप दी है. उन्होंने कहा कि आम जन की सुरक्षा के लिए कहीं भी धन की कमी नहीं आने दी जायेगी. जयपुर जिले में आपातकाल के लिए एक करोड़ रुपये कलेक्टर को दिये गये हैं. संभागीय मुख्यालय के जिला कलेक्टर्स को 75 लाख रुपये और अन्य जिला कलेक्टर्स को 50 लाख रुपये का फंड दिया गया है.
दूसरी तरफ, महाराष्ट्र पुलिस ने दो कंटेनर ट्रकों में ठूंसकर तेलंगाना से राजस्थान ले जाये जा रहे 300 से अधिक प्रवासी मजदूरों को महाराष्ट्र में पकड़ा है. दोनों कंटेनर ट्रकों को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उसमें दैनिक जरूरतों का सामान लदा है. घर लौटने के लिए ऐसे खतरनाक तरीके का चुनाव करने को देखकर अधिकारी भी चकित हैं. ये सभी श्रमिक राजस्थान जा रहे थे.
देशभर में कई जगहों से ऐसी खबरें आ रहीं हैं कि लॉकडाउन (बंदी) की घोषणा होने के बाद प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं. पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने यवतमाल जिले की सीमा पर तेलंगाना की ओर से आ रहे दो कंटेनर ट्रकों को निरीक्षण के लिए रोका.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘पांढरकवडा टोल बूथ पर अधिकारियों को कुछ गड़बड़ महसूस हुई. जब ट्रकों के चालक क्या ले जा रहे हैं और कहां जा रहे हैं, इसका संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये.’ उन्होंने कहा, ‘दो कंटेनरों के अंदर उन्हें करीब 300 दिहाड़ी मजूदर मिले. उनमें से कुछ लोगों ने कहा कि वह अपने गृह राज्य राजस्थान जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें परिवहन का कोई अन्य साधन नहीं मिला.’
ट्रक चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी, लेकिन अधिकारी इस बात से परेशान हैं कि असहाय मजदूरों के साथ कैसे निबटें. अधिकारियों का कहना है कि इस बारे में जल्द ही निर्णय लिया जायेगा.