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Lockdown : राज्य के बाहर या भीतर फंसे हुए बिहार में निवासियों के भोजन एवं आवासन की व्यवस्था की जायेगी : नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को को कहा कि प्रदेश के किसी शहर या बाहर किसी अन्य स्थान पर फंसे राज्य के निवासियों की उनके ठिकाने पर ही मदद की जायेगी. सरकार उनके भोजन एवं आवासन की व्यवस्था सरकार करेगी.

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को को कहा कि प्रदेश के किसी शहर या बाहर किसी अन्य स्थान पर फंसे राज्य के निवासियों की उनके ठिकाने पर ही मदद की जायेगी. सरकार उनके भोजन एवं आवासन की व्यवस्था सरकार करेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री निवास में कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के लिये उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि सरकार इस महामारी को राज्य सरकार आपदा मान रही है और ऐसे लोगों की मदद आपदा पीड़ितों की तरह ही की जायेगी.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के निवासी अगर प्रदेश के किसी शहर या बिहार के बाहर किसी स्थान पर फंसे हों तो उनकी वहीं पर मदद की जायेगी. उन्होंने कहा कि बिहार में अगर अन्य राज्यों के लोग फंसे हैं तो उनके लिये भी राज्य सरकार अपने स्तर से भोजन एवं आवासन की व्यवस्था करेगी. किसी को भी समस्या नहीं होने दी जायेगी.

नीतीश कुमार ने कहा कि दूसरे राज्यों में काम करने वाले बिहार के निवासियों, जो दूसरे शहरों या रास्ते में फंसे हैं, के लिये राज्य सरकार स्थानिक आयुक्त नयी दिल्ली के माध्यम से संबंधित राज्य सरकारों एवं जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर भोजन एवं आवासन के लिए आवश्यक व्यवस्था करेगी.

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि तत्काल पटना तथा बिहार के अन्य शहरों में रिक्शा चालक, दैनिक मजदूर एवं अन्य राज्यों के व्यक्ति, जो लाॅकडाउन के चलते फंसे हुए हैं, के रहने तथा भोजन की व्यवस्था राज्य सरकार अपने स्तर से करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में पटना तथा अन्य शहरों में ऐसे लोगों के लिये वहीं पर आपदा राहत केंद्र स्थापित किया जायेगा तथा इन जगहों पर व्यवस्था करने में सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा जायेगा.

आपदा राहत केंद्रों पर कोरोना संक्रमण से निपटने के लिये चिकित्सक उपलब्ध रहेंगे. मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस कार्य हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा प्रबंधन विभाग को 100 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गयी है. बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, जल संसाधन मंत्री संजय झा, मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय, आपदा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.

उल्लेखनीय है कि मुंगेर जिला के दो मरीजों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के बाद बिहार में इस रोग से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर अब 6 हो गयी. जबकि, इससे मुंगेर निवासी एक मरीज की शनिवार को मौत हो गयी थी. पटना स्थित राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट (आरएमआरआई) के निदेशक डाॅ. प्रदीप दास ने गुरुवार को बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण वाले दो नये मामले मुंगेर के हैं.

आरएमआरआई के निदेशक डाॅ. प्रदीप दास ने बताया कि अबतक कोरोना वायरस के 401 संदिग्ध सैंपल की जांच की जा चुकी है, जिसमें से 6 पाजिटिव तथा 395 नेगटिव पाये गये हैं. मुंगेर निवासी जिनकी गत शनिवार को मौत हो गयी थी, के संपर्क में बीते दिनों में 64 व्यक्ति आये थे. जिनमें से 55 के सैंपल जांच के लिए आरएमआरआई में भेजा गया है और कोरोना संक्रमण के ये दोनों मामले उन्हें में से हैं जिनमें एक महिला (40) और एक बच्चा (12) शामिल हैं. मुंगेर के जिलाधिकारी राजेश मीणा ने बताया कि इन दोनों मरीजों को इलाज के लिए भागलपुर भेजा जा रहा है, जबकि बाकी अन्य को होम क्वॉरन्टीन में रखा गया है.

प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा- धन्यवाद

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कोरोना फंड में सौ करोड़ की राशि दी है. ताकि लोगों की सहायता की जा सके. मुख्यमंत्री के इस कदम की प्रशांत किशोर ने सराहना करते हुए ट्वीट कर उन्हें धन्यवाद दिया है. प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में लिखा है कि तमाम सार्वजनिक आक्रोश के बाद, बिहार सरकार ने पूरे भारत में फंसे दैनिक वेतन भोगी और गरीब लोगों की मदद के लिए राहत पैकेज की घोषणा की है. इससे पहले प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर दिल्ली और अन्य कई जगहों पर बिहार के सैकड़ों गरीब लोगों के लॉकडाउन की वजह से फंसे होने को लेकर बिहार सरकार द्वारा राहत की व्यवस्था नहीं किये जाने को लेकर सवाल उठाया था.

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