कोलकाता : पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले पहले व्यक्ति के अंतिम संस्कार में विलंब हुआ, क्योंकि लोगों ने यह कहते हुए नाकेबंदी कर दी कि क्रिया-कर्म से वायरस का प्रसार हो सकता है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ अधिकारियों ने करीब दो घंटे तक स्थानीय निवासियों को समझाया कि संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाये गये हैं.
कोलकाता पुलिस केंद्रीय प्रभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने उन्हें बताया कि मृतक के शव को लपेटने के दौरान, सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी जरूरी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है. डरने की कोई जरूरत नहीं है.’
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शव सौंपने में बहुत विलंब हुआ, क्योंकि मृतक के परिवार के सदस्य अस्पताल नहीं आये. इसके अलावा, शव ले जाने के लिए कोई वाहन भी नहीं मिल रहा था. अधिकारी ने बताया कि एक सरकारी अस्पताल के पृथक वार्ड में फिलहाल भर्ती, मृतक की पत्नी ने स्वीकृति दी, जिसके बाद विभाग को शव सौंपा गया.
अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा, ‘सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, शव पर रसायनों का लेप लगाया गया और फिर उसे निर्दिष्ट तरीके से लपेटा गया. हमने किसी तरह एक शव वाहन का इंतजाम किया और बिधाननगर शहर पुलिस के अधिकारियों के एक दल की निगरानी में शव को नीमताला शवगृह ले जाया गया.’
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में सोमवार (23 मार्च, 2020) को कोविड-19 से संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी. पिछले सप्ताह कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये इस व्यक्ति को 16 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 19 फरवरी को इस व्यक्ति की हालत खराब हो गयी थी, जिसके बाद उसे जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया था. उत्तर 24 परगना के दमदम निवासी इस व्यक्ति ने सोमवार को अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे दम तोड़ दिया.