चीन और यूरोपीय देशों के बाद अमेरिका में कोरोना वायरस के कारण त्राहिमाम है. अमेरिका में एक दिन में ही करीब 10,000 मामले सामने आए हैं जबकि 150 अमेरिकियों ने इस संक्रमण से अपनी जान गंवा दी है. वहीं, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 12 अप्रैल यानी ईस्टर तक देश की अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने की उम्मीद जतायी है. लाखों अमेरिकियों के लॉकडाउन होने, नेशनल गार्ड और सैन्य बलों की कई राज्यों में तैनाती के बावजूद न्यूयॉर्क में ही कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई और मंगलवार को कम से कम 5,000 नए मामले सामने आए. न्यूयॉर्क में अभी तक कोविड-19 के 25,000 से अधिक मामले सामने आए हैं और 210 लोगों की मौत हो चुकी है. कोविड-19 के मामलों की जानकारी देने वाली वेबसाइट वर्ल्डोमीटर के अनुसार, अकेले मंगलवार को देशभर में संक्रमण के करीब 10,000 नए मामले सामने आए जिससे कोरोना वायरस के मामलों की कुल संख्या करीब 54,000 पहुंच गई जबकि एक ही दिन में 150 लोगों की मौत से मृतकों की कुल संख्या करीब 700 पर हो गई.
न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी के अलावा कैलिफोर्निया, मिशिगन, इलिनोइस और फ्लोरिडा भी कोरोना वायरस के केंद्र बन चुके हैं. हालांकि इस बीमारी की चपेट में सबसे पहले आए वाशिंगटन राज्य में कोई नया मामला या मौत की खबर नहीं आई है. ट्रम्प ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि करीब तीन हफ्तों यानी ईस्टर तक स्थिति सामान्य हो जाएगी. ईस्टर 12 अप्रैल को है. राष्ट्रपति ने कहा, मैं हर किसी को सामाजिक दूरी बनाने, बड़ी संख्या में एकत्रित होने से बचने, हाथ धोने और अन्य चीजों का पालन करने के लिए प्रेरित करना चाहता हूं. अंतत: हमारा लक्ष्य दिशा निर्देशों में ढील देना और देश के बड़े वर्ग के लिए चीजें सामान्य करना है. उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि हम ईस्टर तक यह कर सकते हैं. मुझे लगता है कि यह हमारे देश के लिए बड़ी चीज होगी और हम इसे सच्चाई में बदलने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि कांग्रेस दो हजार अरब डॉलर के उस विधेयक को जल्द ही पारित कर देगी जिससे संघर्षरत अमेरिकियों को सीधे नकद भुगतान किया जा सकेगा.
व्हाइट हाउस कोरोना वायरस कार्य बल की संयोजक देबराह एल बिर्क्स ने पत्रकारों को बताया कि अभी तक 3,70,000 जांच की जा चुकी है जिनमें से 2,20000 लोगों की जांच पिछले आठ दिनों में की गई. उन्होंने कहा कि जांच बढ़ेगी क्योंकि सरकार अब भी पिछले नमूनों की जांच पर काम कर रही है. इस बीच, अमेरिका में कोरोना वायरस से जिस पहले बच्चे की मौत की खबर आई थी असल में वह एक किशोर था जिसकी संक्रामक रोग की चपेट में आने से पहले अच्छी सेहत थी.