नयी दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते संक्रमण की वजह से देश में लॉकडाउन के बीच सरकार ने करदाताओं को बड़ी राहत देने का काम किया है. करदाताओं को राहत देते हुए सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 की आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी है. इसके साथ ही, उसने पैन को आधार से जोड़ने की अंतिम तारीख को भी बढ़ाकर 30 जुलाई 2020 कर दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को इस फैसले की जानकारी दी. इसके साथ ही, देरी से कर भुगतान पर लगने वाली ब्याज की दर को भी 12 फीसदी से घटाकर 9 फीसदी वार्षिक कर दिया गया है.
30 जून तक बढ़ी पैन को आधार से लिंक कराने की तारीख : सीतारमण ने कहा कि सरकार ने स्थायी खाता संख्या (पैन) को विशिष्ट पहचान संख्या आधार के साथ जोड़ने की अंतिम तिथि को भी 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दिया है. कोरोना वायरस फैलने से रोकने की वजह से देश के कई राज्यों में तमाम गतिविधियों को बंद किया गया है. उन्होंने इसी कड़ी में लोगों को और राहत देते हुए कहा कि विवाद से विश्वास योजना के तहत कर विवादों का समाधान करने के की समयसीमा को भी 30 जून 2020 तक बढ़ा दिया गया है.
समयसीमा के अंदर योजना का लाभ उठाने वालों को नहीं देना होगा 10 फीसदी ब्याज : उन्होंने कहा कि बढ़ी समयसीमा के भीतर जो भी इस योजना का लाभ उठायेंगे, उन्हें मूल कर राशि पर 10 फीसदी ब्याज नहीं देना होगा. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी इस अवसर पर वित्त मंत्री के साथ उपस्थित थे. इस अवसर पर करदाताओं, छोटे कारोबारियों और अन्य को विभिन्न अनुपालनों के मामले में अंतिम तिथि को आगे बढ़ाने घोषणा की गयी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.