कोरोनावायरस (COVID-19) के कारण दुनिया भर में दहशत और इसके मामलों में लगातार इजाफा होता जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (who)ने भी कहा है कि कोविड-19 महामारी के प्रसार में तेजी आ रही है. हालांकि अभी भी इसकी ट्रेजेक्टरी (बढ़ने की रफ्तार) को बदलना संभव है. डब्लूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने सोमवार को न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद उसका आंकड़ा एक लाख तक पहुंचने में 67 दिन लगे. जबकि एक लाख से बढ़कर दो लाख पहुंचने में 11 दिन और दो लाख से तीन लाख तक पहुंचने में सिर्फ चार दिन लगे. लेकिन हम असहाय नहीं हैं. हम अभी भी इस महामारी के बढ़ने की रफ्तार काबू कर सकते हैं.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की रिपोर्ट में कहा गया है कि काफी कोशिश की जाए और सबकुछ देशहित में होगा तभी कोविड-19 को तेजी से फैलने को रोका जा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, अगर स्थिति अच्छी रही तो दिल्ली में इसके 15 लाख मामले हो सकते हैं, वहीं मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरू में 5-5 लाख लोग इसके संक्रमण के शिकार हो सकते हैं. आईसीएमआर की तरफ से 27 फरवरी को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि फरवरी से शुरू होकर 200 दिनों तक यह वायरस भारत में अपने चरम पर होगा. वहीं अगर बदतर हालात बनते हैं तो फरवरी से अगले 50 दिनों में ही भारत में इसके मामले काफी तेजी से बढ़े हुए दिख सकते हैं. ऐसे हालात में दिल्ली में संक्रमण का मामला एक करोड़ तक पहुंच सकता है, वहीं मुंबई में 40 लाख तक लोग इसकी चपेट में आ सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो देश तबाही के कगार पर खड़ा होगा.
बता दें कि दुनियाभर में 15000 से अधिक लोगों की जान ले चुके कोरोनावायरस से दुनिया के 180 से अधिक देश परेशान हैं. वहीं भारत में फिलहाल स्थिति उतनी भयावह नहीं हुई है और भारत सरकार इसपर नियंत्रण के लिए लगातार ठोस कदम उठा रही है. चीन से शुरू हुए इस वायरस ने यूरोप में कहर बरपा रखा है है. चीन के बाद इटली में सबसे ज्यादा करीब 6000 मौतों हुई हैं.
अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे शक्तिशाली देश भी इस कोरोना के खिलाफ असहाय नजर आ रहे हैं. अमेरिका में भी 400 से ज्यादा लोग मौत के मुंह में समा चुके हैं. मौत का यह आंकड़ा हर देश में तेजी से बढ़ रहा है. भारत में फिलहाल स्थिति उतनी भयावह नहीं हुई है और भारत सरकार इसपर नियंत्रण के लिए लगातार ठोस कदम उठा रही है.