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बिहार में कोरोना संक्रमित मृत युवक के संपर्क में आने वाले 72 लोगों की बनी सूची

युवक के संर्पक में आने वाले 72 लोगों की सूची स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई है. इन सभी लोगों का सैंपल जांच के लिये भागलपुर की मेडिकल टीम द्वारा कराया जाएगा

मुंगेर. बिहार में कोरोना वायरस पीड़ित मुंगेर जिले के चुरंबा निवासी एक युवक मौत पिछले रविवार को हो गई थी. युवक के संर्पक में आने वाले 72 लोगों की सूची स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई है. इन सभी लोगों का सैंपल जांच के लिये भागलपुर की मेडिकल टीम द्वारा कराया जाएगा. ये बातें सिविल सर्जन डॉ पुरुषोत्तम कुमार ने कही. उन्होंने बताया कि मुंगेर जिले के चुरंबा निवासी कोरोना वायरस से पीड़ित युवक की मौत 21 मार्च को पटना के एम्स में निधन हो गया. जिसके शव को उसके परिजन द्वारा उसी रात मुंगेर ले जाया गया. जिसकी सूचना पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा उसके परिजनों को पांच पीपीटी कीट उपलब्ध कराया गया था. जिसे पहनकर ही उसके परिजनों द्वारा उसके शव को दफन किया गया. वहीं रात भर संक्रमित मरीज का शव होने के कारण और उसके ट्रैवल हिस्ट्री तथा मुंगेर में रहने के दौरान उसके संपर्क में आने वाले लोगों का सुरक्षा की दृष्टि कोण से प्रशासन द्वारा एक टीम बनाकर सूची बनाई गई है.

जिसमें 72 लोगों के उसके संपर्क में आने की जानकारी मिली है. जिसके सैंपल की जांच भागलपुर की मेडिकल टीम द्वारा कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि जांच के बाद इसमें पॉजेटिव या संभावित पाए जाने वाले मरीजों के संपर्क में भी आने वाले लोगों की अलग सूची बनाई जाएगी. जिनका भी मेडिकल जांच कराया जाएगा. वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक चार सदस्यीय टीम गांव में भेजा गया है. सिविल सर्जन ने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा गांव की सुरक्षा के लिए नगर आयुक्त को कई आदेश दिये गये हैं. जिसमें नगर आयुक्त को सबसे पहले उस गांव में आवागम को पूरी तरह रोकने का आदेश दिया गया है. साथ ही गांव में फॉगिंग और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करने का आदेश दिया गया है ताकि महामारी को फैलने से रोका जा सके.

बाहर से आने वाले लोगों को गांव के स्कूलों में रखा जाएगा

सिविल सर्जन ने बताया कि जिले के सभी क्षेत्रों में बाहर से आने वाले लोगों की जांच के लिए प्रखंड के सभी गांवों में एक-एक स्कूल को निर्धारित किया गया है. जहां बाहर के राज्यों से आने वाले गांव के लोगों को वहां 14 दिनों तक रखकर उनके स्वास्थ्य की जांच मेडिकल टीम द्वारा सुबह शाम किया जाएगा, जबकि इस दौरान उन लोगों को गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. इस स्कूल में शिक्षकों के साथ मेडिकल टीम होगी. हलांकि इस दौरान सुरक्षा उपायों के साथ परिजनों को उनसे मिलने दिया जाएगा. वहीं परिजन उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था उस स्कूल में ही कर सकते हैं. स्कूलों में बाहर के राज्यों और विदेशों से आने वाले लोगों के स्वास्थ्य जांच के लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रत्येक प्रखंड में एक क्वीक रिस्पांस टीम बनाया गया है, जो इन लोगों के स्वास्थ्य पर नजर रखेंगे.

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