मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार का शपथ ग्रहण समारोह सोमवार रात 9 बजे राजभवन में होगा. इससे पहले शाम को भाजपा विधायक दल की बैठक में विधायक दल के नेता का चुनाव किया जाएगा. राजभवन सूत्रों ने बताया, शपथ ग्रहण समारोह सोमवार रात 9 राजभवन में होगा. इससे पहले शाम 7 बजे भाजपा विधायक दल की बैठक होगी जिसमें विधायक दल के नेता का चुनाव किया जाएगा.
भाजपा विधायक दल के नेता को मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर आज रात राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन द्वारा शपथ दिलाई जाएगी. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बताया कि भाजपा के केन्द्रीय पर्यवेक्षक दिल्ली से वीडियो कान्फ्रेस के जरिए भोपाल में होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक में शामिल होंगे.
वे 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल सीएम रह चुके हैं. इस दौरान उन्होंने तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके फिर मुख्यमंत्री बनने पर मध्यप्रदेश के इतिहास में पहला मौका होगा, जब कोई चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा.
शिवराज के अलावा अब तक अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार सीएम रहे हैं. इस बार शिवराज के साथ-साथ नरेंद्र सिंह तोमर और नरोत्तम मिश्रा के नाम की भी चर्चा थी. माना जा रहा है कि भाजपा आलाकमान ने शिवराज के नाम ही मुहर लगा दी है. कमलनाथ सरकार के गिरने तक शिवराज सिंह चौहान पार्टी का लगातार नेतृत्व कर रहे थे. वह कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते रहे थे. शिवराज सिंह ने ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराए जाने की मांग की थी. सूत्र ने कहा कि शिवराज सिंह को विधायक दल का नया नेता चुना जाएगा और यह अब सिर्फ एक औपचारिकता भर है. उन्होंने कहा, केवल मुख्यमंत्री पद के चयन का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह भी है कि होने वाले उप-चुनावों में पार्टी की जीत को कौन सुनिश्चित करेगा. बता दें कि नरेंद्र सिंह तोमर और नरोत्तम मिश्रा का नाम इसलिए चर्चा में हैं क्योंकि ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में ही उप-चुनाव होने हैं. कांग्रेस छोड़कर बिजेपी दामन थामने वाले 22 में से 15 विधायक इसी क्षेत्र से आते हैं और तोमर व मिश्रा भी यहीं के हैं. राजनीतिक हलकों में यह चर्चा रही कि भाजपा के अंदरखाने कुछ लोग शिवराज सिंह का विरोध भी कर रहे हैं मगर आलाकमान ने शिवराज के नाम पर मुहार लगा दी है.
मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बना लेती है, तब उसे विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से गुजरना होगा. गत वर्ष महाराष्ट्र में फडणवीस के इस्तीफे के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने विधायकों के समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद भी उन्हें विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से गुजरना पड़ा, जिसमें वे जीत गए थे. कर्नाटक में भी 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद त्रिशंकु विधानसभा बनी. राज्यपाल ने सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने के लिए बुलाया और येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने. छह दिन बाद ही येदियुरप्पा ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे दिया. इसी तरह शिवराज को भी फ्लोर टेस्ट से गुजरना होगा.