Coronavirus से सारा विश्व परेशान है. एक तो इसके संक्रमण में वृद्धि दूसरी ओर फिलहाल इसका लाइलाज होना भी लोगों के मन में दहशत बढ़ाने का काम कर रहा है. फिलहाल लोगों के पास कोरोना वायरस से होने वाले COVID 19 बीमारी से बचने का कोई इलाज मौजूद नहीं है, पर अपने शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाकर हम COVID 19 से अपने शरीर को लड़ने की क्षमता को जरुर बढ़ा सकते हैं, साथ ही साथ इससे बचाव भी कर सकते हैं.
कहते हैं कोई भी इंफेक्शन ऐसे लोगों को कम परेशान करता है जिनकी इम्यूनिटी मजबूत होती है इसलिए लोग अपनी इम्यूनिटी को मजबूत करने के उपायों की खोज में रहते हैं। ऐसा ही कुछ कोरोना वायरस के बारे में भी कहा जा रहा है.
माना जा रहा है कि उन लोगों को वायरस चपेट में सबसे ज्यादा लेता है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है. डॉक्टर और एक्सपर्ट साफ-सफाई का ध्यान रखने और अपना इम्यून सिस्टम यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं.
डॉक्टरों के अनुसार दिल के मरीज, डायबिटीज, कैंसर और किडनी की बीमारी वाले लोगों और बुजुर्गों पर कोराना वायरस के इंफेक्शन का खतरा ज्यादा है. ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है. इस मामले में हमें लापरवाही बरतने की बजाय अपना इम्यून सिस्टम मजबूत रखने की ओर ध्यान देना चाहिए.
नींद
स्लीप फाउंडेशन के एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि पर्याप्त नींद के बिना, आपका शरीर कम साइटोकिन्स बनाता है, यह एक प्रकार का प्रोटीन है जो संक्रमण और सूजन को लक्षित करता है, प्रभावी रूप से एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा करता है. साइटोकिन्स नींद के दौरान दोनों का उत्पादन और जारी किया जाता है, जिससे एक डबल होता है. यदि आप बंद-आंख पर कंजूसी करते हैं, तो नींद की कमी भी आपके शरीर की प्रतिक्रिया करने की क्षमता को कम करके फ्लू के टीके को कम प्रभावी बनाती है.
अध्ययन में प्रतिरक्षा प्रणाली पर नींद की कमी के प्रभाव को कम करने में मदद करने के लिए दो 30 मिनट या उससे कम दैनिक अंतराल लेने की सलाह दी जाती है.
आहार
चीनी की कमी आपकी आंत में “खराब” बैक्टीरिया के लिए एक खाद्य स्रोत को हटाकर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है जो आपके प्रोबायोटिक्स यानी अच्छे बैक्टीरिया को मार सकता है. आंत के असंतुलित होने से पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं. मूल रूप से, आपके पेट में 85 प्रतिशत प्रोबायोटिक्स होने चाहिए.
लहसुन
लहसुन की विशेषता यह है कि यह तीखा और मसालेदार स्वाद वाला होता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल और इम्यूनिटी बढ़ाने वाले गुण मौजूद होते है. सैकड़ों वर्षों से इसका इस्तेमाल कवक, परजीवी और वायरल संक्रमणों के इलाज के लिए किया जा रहा हैं और इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण, हार्ट हेल्थ की रोकथाम का वादा करते है. यह विट्रो में इन्फ्लूएंजा वायरस को मारने के लिए जाना जाता है.
अजवाइन
अजवाइन के तेल में प्रमुख घटक फिनोल मुख्य रूप से थाइमोल और कुछ कारवाक्रोल होता हैं। इसके अलावा इसमें कुछ मात्रा में कपूर, मायकेन और केरेन मौजूद होता है. आवश्यक तेल एक मजबूत एंटीसेप्टिक, एंटीस्पास्मोडिक, सुगंधित, कड़वा, डायाफ्रामिक, पाचन, मूत्रवर्धक, टॉनिक है. इसका उपयोग आंतरिक रूप से सर्दी, खांसी, इन्फ्लूएंजा और अस्थमा के उपचार में किया जाता है.आवश्यक तेल का इस्तेमाल दवाओं के रूप में हर तरह के कोल्ड को ठीक करने के लिए किया जाता है.
अदरक के रस की बूंदों के साथ या गुड़ के साथ सौंठ (सूखी अदरक)
अदरक फ्लू की रोकथाम के प्राकृतिक उपचारों में से एक है. यह बॉडी की इम्यूनिटी को बढ़ाता है और बॉडी को सुरक्षित रखने में मदद करता है. जिंजर रूट की विशिष्ट गंध और स्वाद जिंजरोन, शोगोल्स और जिंजरोल्स और वाष्पशील तेल मिश्रण से आता है, जिसमें ताजा अदरक का वजन लगभग एक से तीन प्रतिशत होता है. अदरक सर्दी, बुखार और फ्लू की स्थिति से लड़ने के लिए जाना जाता है और सूजन को कम करने के लिए भी अच्छा है.
विटामिन डी
विटामिन डी का सेवन करने से आपकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो सकती है, जिससे आपको कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा कई गुना तक कम हो जाएगा. विटामिन डी के लिए आप अपनी डायट में सालमन मछली और दूध को शामिल कर सकते हैं.
अगर आपके बॉडी में विटामिन डी और बी 12 की कमी हैं तो आपको इसकी कमी को पूरा करने के लिए विटामिन डी का सेवन जरुरी है. का मुख्य स्रोत तो सूर्य को ही माना जाता है. सूर्य से आपको विटामिन डी की पूर्ति, सूर्योदय के कुछ देर बाद तक ही मिलती है.
शराब के सेवन से बचें
शराब के सेवन से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता पर बुरा असर पड़ता है इसलिए कोरोना वायरस से बचे रहने के लिए डॉक्टर ने इस बारे में भी सलाह दी है कि शराब के सेवन से बचना चाहिए. ऐसे में संक्रमण से बचे रहने के लिए शराब के सेवन न करें.
उपवास
लोगों का मामना है कि स्वस्थ शरीर के लिए उपवास भी उतना ही जरुरी जितना कि खाना. कहा ये भी जाता है कि चिकित्सक के भीतर उपवास सबसे बड़ा उपाय है.
2014 में, दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के डॉ वाल्टर लोंगो ने पाया था कि तीन दिनों तक उपवास रखने से (पानी के अलावा कुछ भी नहीं) अनिवार्य रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली को रीसेट कर सकता है. अपने अंतिम भोजन के बाद कम से कम 16-18 घंटे तक भोजन करने से आपके शरीर का ध्यान वर्तमान प्रतिरक्षा कोशिकाओं पर केंद्रित हो जाता है, उन्हें पुनर्चक्रण और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं से छुटकारा मिल जाता है.
तनाव कम करने के लिए कर सकते हैं मेडिटेशन
तनाव शरीर के भीतर एक ऐसी प्रतिक्रिया का कारण बनता है जो बहुत अधिक तनाव हार्मोन कोर्टिसोल को जारी करके आपकी रोगों से लड़ने की प्रक्रिया को को कमजोर करता है. कविड-19 के दौरान हमारे शरीर में भी तनाव कि स्थिति बन जाती है, इसलिए इससे बचने के लिए मेडिटेशन का सहारा लिया जा सकता है. मेडिटेशन करने से आपके शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता भी बढ़ती है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.