कथा वाचक जया किशोरी जी (jaya kishori ) ने अपने एक कथा वाचन (jaya kishori katha )के दौरान जीवन जीने के लिए व देश में सफाई को लेकर कुछ ऐसे सुझाव दिये जिसकी जरूरत आज के दौर में काफी ज्यादा है.
जया किशोरी jaya kishori ने अपने एक कथा के दौरान जीवन से जुड़ी काफी महत्वपूर्ण बात बताई.जया किशोरी jaya kishori ने अपने श्रोताओं को बताया कि भोग के उपभोग करने से तृप्ति नही मिल सकती. किसी इंसान का मन कभी नही भरता,लोग भले ही कहते हैं कि कुछ चीज बहुत पसंद हो तो उसे उतना कर लो कि मन भर जाए पर मन कभी हमेसा के लिए नही भरता.भले ही थोड़ी देर के लिए उससे मन उतर जाए.पर फिर से वो हमें अपने करीब लाएगा यही सत्य है.इसलिए किसी भी चीज को बहुत ज्यादा जुटा लेने से उसमे तृप्ति नही मिल जाती.न ही मन भर जाता है.
जया किशोरी jaya kishori कहती हैं संसार बुरा नही है,बुरे हम है.हम केवल लेने के लिए ही बैठे हैं,किसी का भला नही करते.हम बदलना चाह लें तो सब सही हो जाएगा.साफ सफाई को लेकर जया किशोरी ने कथा jaya kishori ki katha के दौरान उदाहरण देते हुए कहा कि हम कुछ स्वयं नही बदलना चाहते पर दूसरों से उम्मीद करते हैं.रास्ते पर चिप्स की पैकेट या गंदगी फेक आएंगे लेकिन खुद गंदगी देखकर दूसरों को जरुर कोसेंगे.
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इस देश को कोई एक इंसान नही सुधार सकता.न ही साफ रख सकता है .ये हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है और जबतक सब मिलकर नही करेंगे ये नही होगा.आप अपने घर मे गंदगी नही फैलाते तो देश मे क्यों?उन्होंने कहा किसी एक व्यक्ति ने अपने सिर पर ये नही रख लिया है कि मैं ही पूरा देश साफ रखूंगा. आप इसमें हाथ नहीं बटाते हैं तो देश आपका खराब होगा.नाम आपका ख़राब होगा.इसलिए साफ-सफाई के लिए अपना योगदान ईमानदारी से देने की अपील जया किशोरी ने अपने श्रोताओं से की.