नयी दिल्ली : देश में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर रेलवे ने उन यात्रियों का भाड़ा लौटाने के नियमों में शनिवार को ढील दी, जिन्होंने 21 मार्च से 21 जून के बीच यात्रा करने के लिए टिकट बुक करायी थी. एक आदेश में कहा गया है कि यदि रेलवे द्वारा 21 मार्च से 21 जून के बीच रेलगाड़ी रद्द की जाती है, तो यात्रा की तारीख से तीन महीने के अंदर टिकट काउंटर पर टिकट दिखाकर भाड़ा वापस लिया जा सकता है.
फिलहाल, यह समय सीमा तीन दिन या 72 घंटे की है. ट्रेन रद्द न होने और यात्री द्वारा यात्रा रद्द किये जाने की स्थिति में यात्रा की तारीख से तीन महीने के भीतर टिकट जमा रसीद (टीडीआर) जमा की जा सकती है. आदेश में कहा गया कि टीडीआर सौंपने के 60 दिन के भीतर भाड़ा वापस पाने के लिए मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी को टीडीआर सौंपा जा सकता है. ट्रेन की यात्रियों की सूची द्वारा पुष्टि होने पर भाड़ा वापस मिल सकता है. इसमें कहा गया है कि जो यात्री 139 के द्वारा यात्रा रद्द कर भाड़ा वापस पाना चाहते हैं, वे यात्रा की तारीख से 30 दिन पहले काउंटर से भाड़ा वापस ले सकते हैं.
बता दें कि भारतीय रेलवे कोरोना वायरस के चलते गैर-जरूरी यात्रा पर रोक लगाने के मकसद से अबतक 245 ट्रेनें रद्द कर चुका है. रेलवे ने यात्रियों की कम संख्या और कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर 20 से 31 मार्च के बीच चलने वाली 90 ट्रेनों को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही, रद्द की गईं ट्रेनों की संख्या बढ़कर 245 हो गयी है. इससे पहले गुरुवार को रेलवे ने 84 ट्रेंने रद्द करते हुए कहा था कि कोरोना वायरस के चलते 155 ट्रेनें रद्द की जा चुकी हैं.
इसके साथ ही, कोरोना वायरस बढ़ते संक्रमण के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित जनता कर्फ्यू को देखते हुए रेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है. देश के इतिहास में पहली बार होगा कि एक साथ 3700 ट्रेनों को कैंसिल किया गया है. इस कर्फ्यू के मद्देनजर देश में शनिवार मध्यरात्रि से रविवार रात दस बजे के बीच किसी भी स्टेशन से कोई यात्री ट्रेन सफर शुरू नहीं करेगी. यानी शनिवार 21 मार्च 2020 की मध्यरात्रि से रविवार 22 मार्च 2020 को रात 10 बजे तक लगभग भारतीय रेलवे (Indian Railway, IRCTC) ने करीब 3700 ट्रेनों को रद्द कर दिया है.