पटना. बिहार की राजधानी पटना में जिन मरीजों को वर्षों से किडनी दान में नहीं मिल रही थी, उन्हें बुधवार की सुबह से लेकर गुरुवार तक आइजीआइएमएस प्रशासन बुलाता रहा कि आएं और किडनी का ट्रांसप्लांट करवा ले. करीब 6 मरीजों को कहा गया कि हमें बुधवार को किडनी दान में मिली है और वरीयता सूची में आपका नाम है, आपका ब्लड ग्रुप भी मैच कर रहा है. इसलिए आपको हम यह दे रहें हैं. आप आकर इसे ट्रांसप्लांट करवा लें. इसके बावजूद कोई मरीज नहीं पहुंचा. इसके पीछे कारण माना जा रहा है कि कोरोना के डर से गंभीर मरीज घर से बाहर निकलना नहीं चाहते और परिजन भी अस्पताल जैसी भीड़ वाली जगह पर जाने से परहेज कर रहे हैं.
बुधवार की सुबह ब्रेन डेड घोषित किये गये मुजफ्फरपुर के 17 वर्षीय किशोर के परिजनों ने उसके महत्वपूर्ण अंगों को दान कर दिया था. मृतक के लिवर, किडनी, हृदय और कॉर्निया दान की गयी थी. इसमें से हृदय का ट्रांसप्लांट कोलकाता भेज कर किया गया. लिवर का ट्रांसप्लांट आइजीआइएमएस में हुआ. इसका ट्रांसप्लांट करवाने के लिए मरीज नयी दिल्ली से चार्टेड प्लेन से आ गया था. कॉर्निया को आई बैंक में रख दिया गया था. वहीं दो किडनी में से एक किडनी का ट्रांसप्लांट भी बुधवार को हो गया था और एक बच गयी थी. जिसके लिए गुरुवार को इजीआइएमएस के डॉक्टर कॉफी परेशान रहें कि सही मरीज मिल जाये.
आइजीआइएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने बताया कि पारस और रूबन जैसे कई अस्पतालों से भी संपर्क किया गया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. किसी मरीज के नहीं आने के कारण दूसरी किडनी बेकार चली गयी. दान में मिली एक किडनी का इस्तेमाल नहीं हो सका. इसके लिए हमने पांच-छह मरीजों से संपर्क किया, उन्हें आइजीआइएमएस में आने के लिए कहा लेकिन कोई आया नहीं. हमने हर संभव प्रयास किया कि इसका इस्तेमाल हो जाये. शायद कोरोना को लेकर फैले डर के कारण कोई नहीं आ पाया.