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Coronavirus : गवाहों को 31 मार्च तक कोर्ट नहीं आने की हिदायत, हैंडवाश के बाद मिली इंट्री

कोरोना वायरस से बचाव का एक मात्र उपाय है लोगों से दूरी बनाकर रखना. कोरोना से बचाने के लिए पटना हाइकोर्ट भी काफी गंभीर है. हाइकोर्ट के निर्णय के अनुरूप गुरुवार को गोपालगंज सिविल कोर्ट की तीन गेट को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया.

गोपालगंज/भागलपुर : कोरोना वायरस से बचाव का एक मात्र उपाय है लोगों से दूरी बनाकर रखना. कोरोना से बचाने के लिए पटना हाइकोर्ट भी काफी गंभीर है. हाइकोर्ट के निर्णय के अनुरूप गुरुवार को गोपालगंज सिविल कोर्ट की तीन गेट को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया. मुख्य गेट से ही लोगों को प्रवेश करने की छूट थी.

व्यवहार न्यायालय के मुख्य द्वार के पास पीएलबी एवं कर्मचारियों की सहायता से सैनिटाइजर व हैंडवाश रख गया. जहां जिला एवं सत्र न्यायधीश विष्णुदेव उपाध्याय ने हाथ धोकर इसका ना सिर्फ शुभारंभ किया, बल्कि हाथ धोने के बाद ही कोर्ट में प्रवेश किये. उनके साथ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विश्वविभूति गुप्ता, राजेंद्र कुमार पांडेय, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अंबिका प्रसाद चौधरी आदि ने हाथ धोया.

साथ ही कोर्ट आने वाले वकील व पक्षकारों को भी हैंडवाश करने के बाद ही कोर्ट में इंट्री मिल रही थी. कोर्ट पूरी तरह हाई अलर्ट मोड में था. कोर्ट परिसर में माइकिंग कर लोगों को कोरोना से बचाव के तरीके भी बताये जा रहे थे. खुद जिला जज ने लोगों से खुद के लिए बचाव करने की अपील की. हर छोटे- बड़े हर लोगों को पूछ-पूछ कर ही इंट्री दी जा रही थी.

गवाहों को 31 मार्च तक कोर्ट नहीं आने की मिली हिदायत

भागलपुर : कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका में जिले के तीनों अदालतों ने एहितयात बरती जा रही है. इसी सिलसिले में केस के गवाहों को एसएमएस से संदेश भेजकर 31 मार्च तक कोर्ट नहीं आने की हिदायत दी गयी है. हिंदी व अंग्रेजी में एसएमएस करीब 21 हजार से ज्यादा मुव्वकिलों को भेजा गया है. उक्त जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकार डालसा की सचिव रूम्पा कुमारी ने गुरुवार को प्रेसवार्ता में जानकारी दी.

एडीआर बिल्डिंग स्थित दफ्तर में सचिव ने कहा कि हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश जारी किया है कि बगैर पैरवी वाले मुकदमे में कोई विपरीत कार्रवाई 31 मार्च तक नहीं की होगी. अधिवक्ताओं से भी कहा गया है कि वे दूर-दराज से आने वाले मुव्वकिलों को संक्रमण से बचाव के लिए 31 मार्च तक कोर्ट नहीं बुलाये. सिर्फ उन्हें ही बुलाएं, जिसकी उपस्थिति कोर्ट में अनिवार्य है.

उन्होंने कहा कि जिनकी जमानत स्वीकृत हो गयी है. वे हाईकोर्ट या स्थानीय कोर्ट के आदेश पर बेल बांड दाखिल करने ही आये. दूसरी तरफ किशोर न्याय बोर्ड ने संगीन धाराओं का आरोप झेल रहे उन 22 बच्चों को जल्द जमानत देने की इच्छा जतायी गयी है, जो फिलहाल बाल संरक्षण गृह में रह रहे हैं.

जुवेनाइल जज शैलेश कुमार ने बताया कि जुवेनाइल कोर्ट में चल रहे मुकदमे में गवाहों को 31 मार्च तक पैरवी नहीं करने का आग्रह किया गया है. हाईकोर्ट के आदेश पर सभी केसों में स्वत: अगली तारीख पड़ जायेगी. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद कोर्ट कैंपस साफ-सफाई की व्यवस्था और बेहतर की गयी है.

कोर्ट कैंपस में आम लोगों के प्रवेश पर सख्ती जारी

कोरोना को लेकर कोर्ट कैंपस में आम लोगों के प्रवेश पर भी सख्ती रहा. सिर्फ गवाह को ही कोर्ट कैंपस में प्रवेश दिया जा रहा था. इसके लिए गवाह को अधिवक्ता के द्वारा दिये गये पास को देखने के बाद सुरक्षा कर्मी ने प्रवेश दिया. आम दिनों की तुलना में गुरुवार को कोर्ट कैंपस में भीड़ काफी कम दिखा. गवाह के साथ आने वाले परिजन व रिश्तेदार न्यायालय गेट के बाहर ही खड़े रहे.

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