औरंगाबाद. बिहार के औरंगाबाद जिले के हसपुरा थाना क्षेत्र के पहरपुरा गांव से तीन दिन पहले पांच वर्षीय एक बच्चे का अपहरण कर लिया गया था. 62 घंटे बाद पुलिस ने गांव के ही एक कुएं से पांच वर्षीय अंकित का शव बरामद किया है. शव बरामदगी होने के बाद पहरपुरा ही नहीं, बल्कि आसपास के इलाके में कोहराम मचा है. घटना से नाराज परिजनों व गांववालों ने हसपुरा-पिरू पथ को जाम करने पहुंच गए. आक्रोशित ग्रामीणों की भीड़ को देखते हुए बीडीओ अमरेश कुमार, थानाध्यक्ष धनंजय कुमार दलबल के साथ पहुंच गये. आक्रोशित ग्रामीणों की भीड़ को देखते हुए बीडीओ अमरेश कुमार, थानाध्यक्ष ने ग्रामीणों को समझाबुझाकर शांत कराया. बीडीओ ने पारिवारिक लाभ योजना के तहत 20 हजार और मुखिया हसीना खातून ने कबीर अंत्योष्टि योजना से तीन हजार की राशि परिजनों को दी.
हालांकि शव मिलने के पूर्व ही हसपुरा पुलिस ने घटना में मुख्य आरोपी बनाये गये दाउदनगर थाना क्षेत्र के केरा गांव के अमरनाथ पासवान को गिरफ्तार कर लिया था. पता चला कि अमरनाथ की गिरफ्तारी हसपुरा व नवीनगर पुलिस ने ठेंगों गांव स्थित उसके ससुराल से की थी. बता दें कि 15 मार्च की शाम दिलीप पासवान के पुत्र अंकित कुमार उस वक्त गायब हो गया, जब वह घर से खेलने के लिये निकला था, जब खाफी खोजबीन के बाद भी अंकित का पता नहीं चला तो पिता ने अपहरण की प्राथमिकी हसपुरा थाने में दर्ज करायी थी. केरा गांव के अमरनाथ पासवान को शक के आधार पर आरोपी बनाया गया है. दिलीप ने प्राथमिकी में कहा था कि उसके बहनोई रवि पासवान को अमरनाथ ने कुछ रुपये दिये थे. उस रुपये के लिये वह उस पर दबाव बना रहा था, इसी को लेकर बेटे को अपहरण कर लिया है. इधर थानाध्यक्ष धनंजय कुमार ने बताया कि पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है.
31 अगस्त को भी कुएं से मिला था उज्जवल कांत का शव
31 अगस्त 2019 को भी पहरपुरा गांव की तरह एक मामला धुसरी टोले करण बिगहा गांव से आया था. 29 अगस्त को घर से खेलने निकला राम निवास पटेल का चार वर्षीय उज्जवल कांत भी अचानक गायब हो गया था. तीन दिन बाद यानी 31 अगस्त को उज्जवल कांत का शव गांव से सटे सड़क के किनारे एक कुएं से बरामद हुआ था. इस मामले में प्राथमिकी की कार्रवाई की गयी थी. वैसे औरंगाबाद जिले में इस तरह की कई और घटनाएं घटी है.