नयी दिल्ली : मध्य प्रदेश कांग्रेस ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को बागी विधायकों के इस्तीफे सौंपे जाने के मामले की जांच की आवश्यकता है.
न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ के समक्ष कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि उसके बागी विधायकों से बलपूर्वक और धमका कर ये इस्तीफे लिए गए हैं. कांग्रेस ने दावा किया कि उसके विधायकों ने अपनी मर्जी से इस्तीफे नहीं दिए हैं.
कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि उसके बागी विधायकों को चार्टर्ड उड़ान से ले जाया गया है और इस समय वे भाजपा द्वारा की गयी व्यवस्था में एक रिज़ॉर्ट में हैं तथा उनसे संपर्क नहीं हो सकता है.
कांग्रेस के बागी विधायकों के इस्तीफों के मामले में भाजपा की भूमिका की ओर पीठ का ध्यान आकर्षित करते हुए दवे ने कहा कि होली के दिन भाजपा नेता विधानसभा अध्यक्ष के आवास पर पहुंचे और उन्हें 19 विधायकों के पत्र सौंपे.
दवे ने यह भी दलील दी कि राज्यपाल को सदन में शक्ति परीक्षण कराने के लिए रात में मुख्यमंत्री या अध्यक्ष को संदेश देने का कोई अधिकार नहीं है. दवे ने कहा, ‘‘अध्यक्ष सर्वेसर्वा है और मध्य प्रदेश के राज्यपाल उन्हें दरकिनार कर रहे हैं.”