राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राज्यसभा सदस्य के लिए नामित होने के बाद पहली बार पूर्व CJI रंजन गोगोई का बयान सामने आया है. अपने बयान में उन्होंने साफ किया कि वो राज्यसभा की सदस्यता स्वीकार कर रहे हैं. बता दें कि पूर्व CJI रंजन गोगोई का नाम राज्यसभा के लिए मनोनीत होने के बाद राजनीतिक गलियारे में उथल-पुथल मच गई है. एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, इस बारे में जब उनसे मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि ‘मैं संभवतः कल (बुधवार को) दिल्ली जाऊंगा… मुझे शपथ ग्रहण करने दीजिए, फिर विस्तार से मीडिया को बताऊंगा कि मैंने राज्यसभा की सदस्यता क्यों स्वीकार की’.
यहां बताना जरूरी है कि उनके मनोनीत होने पर कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला, एमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़े किए हैं. वहीं पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने आशा व्यक्त की है कि गोगई इस प्रस्ताव को ठुकरा देंगे. इसके अलावा माकपा के सीताराम येचुरी ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश को उनकी कही बात याद दिलाई है.
एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्विटर पर लिखा, ‘क्या यह इनाम है?’ लोग न्यायाधीशों की स्वतंत्रता पर यकीन कैसे करेंगे? कई सवाल हैं. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने राष्ट्रपति द्वारा गोगोई को नामित किए जाने को लेकर ट्वीट करते हुए दो तस्वीरें शेयर की. उन्होंने लिखा, ‘यह तस्वीरें सच बयां कर रही हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने गोगोई को नामिक करने पर सवाल खड़ा किए. उन्होंने लिखा, तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा (सुभाष चंद्र बोस). तुम मेरे हक में वैचारिक फैसला दो मैं तुम्हें राज्यसभा सीट दूंगा (भाजपा).
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा- मैं आशा करता हूं कि पूर्व चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई के पास राज्यसभा सीट के ऑफर पर ना कहने का अच्छा सेंस होगा. वरना वे न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को भारी नुकसान पहुंचाएंगे. वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने को लेकर मंगलवार को दावा किया कि गोगोई न्यायपालिका और खुद की ईमानदारी से समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे. कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, न्यायमूर्ति एच आर खन्ना अपनी ईमानदारी, सरकार के सामने खड़े होने और कानून का शासन बरकरार रखने के लिए याद किए जाते हैं. उन्होंने दावा किया कि न्यायमूर्ति गोगोई राज्यसभा जाने की खातिर सरकार के साथ खड़े होने और सरकार एवं खुद की ईमानदारी के साथ समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे.
बता दें कि पूर्व CJI रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के पद से रिटायर हुए थे. रिटायर होने से पहले उन्हीं की अध्यक्षता में बनी पीठ ने अयोध्या मामले तथा कुछ अन्य महत्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाया था.