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Nirbhaya Case : निर्भया के दोषियों को फांसी देने के लिए तिहाड़ जेल पहुंचा पवन जल्‍लाद, बुधवार को करेगा डमी

2012 निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या मामले के चारो दोषी मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे फांसी दी जाएगी.

नयी दिल्‍ली : 2012 निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या मामले के चारो दोषी मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे फांसी दी जाएगी. दोषियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए पवन जल्‍लाद तिहाड़ जेल पहुंच चुका है. तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने बताया कि 2012 के दिल्ली गैंगरेप मामले के दोषियों की 20 मार्च की फांसी के लिए जल्लाद पवन तिहाड़ जेल पहुंच गया है. जेल अधिकारियों बताया कि पवन बुधवार को चारो दोषियों का पुतला बनाकर डमी फांसी देता.

बता दें सभी दोषियों को जेल नंबर 3 के कंडम सेल में अलग-अलग रखा गया है. सभी की चौबीस घंटे निगरानी की जा रही है. उनके व्यवहार का अध्ययन किया जा रहा है.

तीन बार टल चुकी है फांसी

निर्भया के दोषियों के लिए चौथी बार डेथ वारंट जारी किया गया है. इससे पहले दिल्‍ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तीन बार डेथ वारंट जारी किया था. पहली बार 22 जनवरी को, दूसरी बार 1 फरवरी और तीसरी बार 3 मार्च को. लेकिन तीनों बार निर्भया के दोषियों ने कानूनी हथकंडा अपनाकर फांसी को टालने में सफल रहे.

अदालत ने दोषी मुकेश की याचिका खारिज की

निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में दिल्ली की एक अदालत ने चार दोषियों में शामिल मुकेश सिंह की वह याचिका खारिज कर दी, जिसके जरिये उसने अपनी मौत की सजा रद्द करने का अनुरोध किया था.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने मुकेश की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने दावा किया था कि घटना के दिन वह दिल्ली में नहीं था. इस बीच, अदालत ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को मुकेश के वकील को उपयुक्त परामर्श देने के लिये भी कहा है.

याचिका में दावा किया गया था कि मुकेश को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया और उसे 17 दिसंबर, 2012 को दिल्ली लाया गया था. साथ ही यह भी कहा गया कि वह 16 दिसंबर को शहर में मौजूद नहीं था, जब यह अपराध हुआ था.

फांसी को रोकने के लिए आईसीजे पहुंचे दरिंदे

निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या कांड मामले के चार दोषियों में से तीन ने हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाकर अपनी ‘गैरकानूनी फांसी की सजा’ रोकने का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया है कि ‘दोषपूर्ण’ जांच के जरिये उन्हें दोषी करार दिया गया और उन्हें प्रयोग का माध्यम (गिनी पिग) बनाया गया है.

दोषी के वकील ए.पी. सिंह के माध्यम से दायर याचिका में यह भी कहा गया है कि चारों दोषियों… विनय शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, अक्षय सिंह और मुकेश सिंह ने अभी तक अपने सभी कानूनी उपचारों का उपयोग नहीं किया है.

याचिका में कहा गया है कि यह सूचित करना बहुत महत्वपूर्ण है कि मौत की सजा पाए इन दोषियों के कानूनी उपचार/मुकदमे भारत में विभिन्न अदालतों/संवैधानिक संस्थाओं के समक्ष लंबित हैं, लेकिन बेहद आश्चर्यजनक और दुर्भायपूर्ण है कि भारत में, केन्द्रीय तिहाड़ जेल ने योजना तैयार कर ली है और उन्हें 20 मार्च को फांसी देने वाली है.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि निर्भया मामले में दोषियों ने जांच के दौरान कई बार पॉलीग्राफ, लाइ डिटेक्टर और ब्रेन मैपिंग कराने का अनुरोध किया था, लेकिन ऐसे सभी अनुरोधों को बिना किसी तर्क के खारिज कर दिया गया. याचिका में आईसीजे से अनुरोध किया गया है कि वह मामले के एकमात्र चश्मदीद, पीड़िता के मित्र, की गवाही झूठ होने की संभावनाओं की ‘तत्काल जांच करें. उसमें दावा किया गया है कि दोषियों के साथ ‘गिनी पिग’ की भांती व्यवहार किया गया और उन्हें इस मामले में झूठ फंसाया गया है. आईसीजे से अनुरोध है कि वह मामले के तत्काल जांच का आदेश दे.

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