कोलकाता : कलकत्ता हाइकोर्ट की ओर से रविवार को जारी निर्देश के बाद सोमवार को अदालतों में कार्यवाही लगभग ठप रही. हालांकि इस दौरान जरूरी मामलों की सुनवाई हुई. हाइकोर्ट के निर्देश के अनुसार हाईकोर्ट के मुख्य द्वार के साथ सभी द्वारों पर चिकित्सा अधिकारियों को तैनात किया गया था, जो अदालत में प्रवेश करनेवालों की निगरानी कर रहे थे. इस दौरान हाईकोर्ट के सीढ़ियों की भी साफ-सफाई की गयी और सैनिटाइजर का छिड़काव अदालत परिसर में किया गया.
20 मार्च तक वकील किसी भी सुनवाई में नहीं लेंगे हिस्सा
उधर सोमवार को राज्य बार काउंसिल की बैठक में फैसला लिया गया कि अदालत के किसी भी कार्रवाई में वकील हिस्सा नहीं लेंगे. बार काउंसिल की बैठक के बाद जारी एक नोटिस में कहा गया है कि हाईकोर्ट के साथ जिलों की किसी भी अदालतों में वकील 20 मार्च तक सुनवाई में हिस्सा नहीं लेंगे. बार काउंसिल की अगली बैठक 20 मार्च होगी, जिसमें आगे की कार्रवाई पर फैसला लिया जायेगा. बार काउंसिल का यह भी आरोप है कि अदालत परिसर में अधिक लोगों की भीड़ एकत्रित नहीं होने का निर्देश देते हुए सभी प्रवेश व निकास द्वारों पर चिकित्सकों को नियुक्त करने का निर्देश दिया गया था, जिसका पालन नहीं हो रहा है.
उल्लेखनीय है कि हाइकोर्ट के निर्देश में कहा गया था कि उच्च न्यायालय के मुख्य भवन के तीन द्वार और नये दो भवनों के द्वार पर थर्मल स्कैनर लगाये जायेंगे. एक चिकित्सा इकाई भी होगी, जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम होगी. शरीर का अतिरिक्त तापमान मिलने पर व्यक्ति को चिकित्सा इकाई के पास भेजा जायेगा.