वाशिंगटनः अमेरिकी सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक कोरोना वायरस (COVID-19) से बचाने के लिए बनाए गए टीके का नैदानिक परीक्षण सोमवार से शुरू होने जा रहा है. अधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि परीक्षण के पहले प्रतिभागी को सोमवार को प्रायोगिक टीका दिया जाएगा. परीक्षण के बारे में सार्वजनिक तौर पर फिलहाल कोई घोषणा नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) इस परीक्षण के लिए धन मुहैया करा रहा है और यह सिएटल में ‘कैसर परमानेंट वाशिंगटन हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट’ में हो रहा है. जन स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि किसी भी संभावित टीके की पुष्टि में एक साल से 18 महीने तक का वक्त लगेगा. यह परीक्षण 45 युवा एवं स्वस्थ स्वेच्छाकर्मियों के साथ शुरू होगा जिन्हें एनआईएच और मॉर्डर्ना इंक के संयुक्त प्रयासों से विकसित टीके लगाए जाएंगे हालांकि प्रत्येक प्रतिभागी को अलग-अलग मात्रा में सुई लगाई जाएगी.
इस बात की कोई संभावना नहीं है कि कोई भी प्रतिभागी इससे संक्रमित होगा क्योंकि इस टीके में वायरस नहीं है. इस परीक्षण का लक्ष्य सिर्फ यह जांचना है कि टीकों को कोई चिंताजनक दुष्प्रभाव न हो और फिर इस आधार पर बड़े पैमाने पर परीक्षण किया जा सके. कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच विश्व भर के दर्जनों शोध संगठन टीका विकसित करने के प्रयासों में जुटे हुए हैं. गौरतलब है कि अमेरिका में भी कोरोना वायरस तेजी से पैर पसार रहा है. यहां तीन हजार से ज्यादा लोगों में संक्रमण पाया गया है. वहीं, 68 लोगों की मौत भी हो चुकी है. अमेरिका के कई शहरों में स्कूल-कॉलेज, रेस्टॉरेंट और बार को बंद कर दिया गया है.
चीन के बाद इटली में कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा कहर देखा जा रहा है. यहां एक दिन के अंदर कोरोना से सबसे ज्यादा 368 मौतें हुई हैं. एक दिन में कोरोना से किसी देश में मौत का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है. रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले 13 फरवरी को चीन में कोरोना से 254 मौतें हुई थीं. पूरे इटली में एक हफ्ते से लॉकडाउन के हालात हैं. यहां अब तक कोरोना से 1809 लोगों की मौत हो चुकी है. इटली में कोरोना के 24747 मामले सामने आ चुके हैं. भारत में 112 मामले सामने आए हैं.