नयी दिल्ली : कोरोना वायरस आज के समय में विश्वव्यापी चिंता का कारण बन चुका है. ऐसे में अगर कोई मरीज इस बीमारी से लड़कर ठीक हो जाता है तो वह इस बीमारी से संक्रमित और इससे डरे हुए लोगों के लिए मिसाल है. भारत में अबतक इस बीमारी से दस से अधिक लोग ठीक हो चुके हैं और 112 लोग संक्रमित हैं. हम ऐसे ही एक मरीज की कहानी आज आपको बता रहे हैं, जो पूरी तरह ठीक हो चुके हैं. इस मरीज का नाम है रोहित दत्ता जो दिल्ली के मयूर विहार फेज-2 के रहने वाले हैं. वे सफदरजंग अस्पताल में भरती थे और अब स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं.
नवभारत टाइम्स से खास बातचीत में रोहित दत्ता ने बताया कि मैं अब स्वस्थ हूं, कोरोना का संक्रमण अब मेरे शरीर में नहीं है. यह मेरे लिए बहुत ही खुशी और राहत देने वाली बात है. रोहित ने लोगों को बताया कि कोरोना से ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि इसका मुकाबला करने की जरूरत है. कोरोना से लड़ने के लिए यह बहुत जरूरी है कि हम साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें.
रोहित ने इस बीमारी और आइसोलेशन वार्ड से घबराने वालों को बताया कि वहां ऐसा कुछ नहीं होता जिससे डरा जाये. सादा भोजन मिलता था, घरवालों से बात करने की सुविधा थी और फिल्में भी देख सकते थे. मैंने किताबें पढ़ी और सोशल मीडिया को भी फॉलो किया.
रोहित अपने घर वालों से वीडियो कॉल पर बातें भी कर रहा था. स्वास्थ्य मंत्री ने भी उससे वीडियो कॉल पर बातें की थीं, जो काफी उत्साहवर्द्धक थीं. इस बातचीत ने काफी हौसला दिया. हालांकि शुरुआती दिनों में रोहित बहुत उदास था और अपने घर वालों को बहुत याद भी कर रहा था. लेकिन अब वह बिलकुल ठीक है और अपने घर वापस जा चुका है.
रोहित की रिकवरी के बाद दो बार उनका कोरोना टेस्ट हुआ, जब दोनों रिपोर्ट निगेटिव आयी तो उन्हें अस्पताल से घर जाने की इजाजत मिल गयी. हालांकि अभी रोहित को घर पर ही 14 दिन आराम करने की सलाह दी गयी है. इलाज के दौरान रोहित लगातार ठीक होता जा रहा था और इस बात को उसने महसूस भी किया.
रोहित को तेज बुखार के बाद डॉक्टर के पास जाने की जरूरत पड़ी थी, रिपोर्ट में उसे एक मार्च को पोजिटिव बताया गया था. उसे 14 दिन बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गयी. उसका कहना है कि 14 दिन की सावधानी खत्म होने के बाद वह सबसे पहले धार्मिक स्थलों पर जायेंगे, चाहें उनके परिजनों ने उनके स्वस्थ होने के लिए मन्नतें मांगीं हैं और फिर आफिस ज्वांइन करेंगे. रोहित का कहना है कोरोना से डरने की जरूरत नहीं, बस हौसला और सही इलाज की जरूरत है.