कोरोना वायरस को विश्वभर में महामारी का नाम दे दिया गया है. इससे हर कोई आतंकित है. मुंह पर मास्क और पॉकेट में सेनेटाइजर लिए लोग घूम रहे हैं. योग गुरु देशवासियों को इस वायरस से निजात पाने के लिए योगासन और जड़ी-बूटी का इस्तेमाल कर स्वस्थ रहने की सलाह दे रहे हैं.
ऐसे में राजधानी के युवा ब्लॉगर्स भी लोगों की धारणा और आतंकित मन को शांत करने के लिए ‘कोरोना से डरो ना’ विषय पर पोस्ट साझा कर रहे हैं. लोगों को मानसिक तनाव से दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. कई ब्लॉगर्स ऐसे हैं, जिनका पोस्ट जबरदस्त वायरल हो रहा है. इससे न केवल लोगों के बीच उनकी पहुंच बढ़ रही है, बल्कि लोग की जिज्ञासा भी शांत हो रही है. इनके ब्लॉग को पढ़ा जा रहा है. ऐसे ही युवा ब्लॉगर्स के पोस्ट पर पढ़िए अभिषेक रॉय की यह रिपोर्ट.
ब्लॉगर श्रेयोसी सरकार ने कोरोना को लेकर सकारात्मकता पहल को साझा किया है. उन्होंने लिखा है कि कोरोना वायरस हम सबके सामने है. वह हम ही हैं, जो इसे फैलने से बचा सकते हैं. अपने परिवार, दोस्त और आसपास के लोगों को बचाने में जुटना होगा. वर्तमान में लोग वह सभी काम कर रहे हैं, जो उन्हें इस वायरस से सुरक्षित कर सकता है.
डॉक्टर और नर्स फिलहाल समाज के सबसे महत्वपूर्ण अंग बन चुके हैं. ऐसे में लोगों को सुरक्षित और डर से दूर होकर सकारात्मक पहल करने की जरूरत है. इससे वायरस का प्रभाव कम होगा. बचने की संभावना ज्यादा होगी. श्रेयोसी ने अपने ब्लॉग में कोरोना वायरस की पहचान करने और उसके इलाज के शुरुआती नियमों की जानकारी साझा की है.
टाटीसिलवे निवासी व फूड ब्लॉगर सॉजोल चक्रवर्ती ने खान-पान के शौकीन लोगों को कोरोना वायरस के आतंक से बचने की सलाह दी है. पोस्ट के जरिये कहा है कि कोरोना वायरस बुजुर्गों को तेजी से अपनी चपेट में लेता है. इस वायरस के शिकार वैसे युवा या लोग भी हो सकते हैं जिनका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो. सॉजोल ने अपने ब्लॉग के जरिये खान-पान पर विशेष ध्यान देने की अपील की है. हेल्दी खान-पान का सेवन करने की सलाह दी है. इसके अलावा वैसे खान-पान पर खास जोर दिया है, जिससे शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत किया जा सकता है.
साक्षी अपने ब्लॉग के माध्यम से सुरक्षा संबंधी जानकारी साझा कर रही हैं. वह कोरोना वायरस पर संक्षिप्त लेख भी शेयर कर चुकी हैं. उन्होंने लिखा है कि इस महामारी से बचने के लिए लोग प्रयासरत हैं. सरकार किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह, जो महामारी से ग्रस्त हैं उसे किसी अस्पताल व अस्थायी आवास में रख सकती है.
सरकारी आदेश नहीं मानना अपराध होगा़ लोगों पर आइपीसी की धारा 188 लगाकर सजा और जुर्माना का प्रवाधान है. लोग विषाणुयुक्त कण से घिरे होने के फेर में नहीं रहें. सावधानी बरतें. खांसते और छींकते वक्त टिशू का इस्तेमाल करें. बिना हाथ धोये अपने चेहरे को न छुएं. फेस मास्क जरूरी नहीं कि सुरक्षा दे ही दे. ऐसे में सलाह युक्त मास्क का ही इस्तेमाल करें. किसी भी ब्रांड का सेनेटाइजर इस्तेमाल करने से पहले उसके अल्कोहल बेस्ड होने की जानकारी ले लें. जरूरत पड़ने पर हेल्पलाइन नंबर पर सोच समझ कर फोन करें.
युवा ब्लॉगर स्नेहा चौधरी ने लिखा है कि हमें डरने की जरूरत नहीं, सावधानी लेनी है. स्नेहा लोगों को जागृत कर रही हैं. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है कि हम हमेशा किसी भी परेशानी को गलत तरीके से भांप लेते हैं. जानकारी और जागरूकता के अभाव में हमेशा वहीं काम करते हैं, जो हमें परेशान करता है. पूर्व में भी कई ऐसी बीमारियां सामने आयी हैं, जिससे लोग आतंकित, ग्रसित रहे हैं. ऐसे में सावधानी जरूरी है, ना कि परेशान होने की. कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए हमें स्वच्छता को अपनाना ही होगा़ साथ ही खानपान, बेहतर नींद और तनाव से दूर रहने की जरूरत है.
रांची मेरी जान इंस्टा पेज के संचालक और ब्लॉगर अमनप्रीत सिंह ने अपने ब्लॉग पर कोरोना वायरस का एक अलग एंगल पेश किया है. उन्होंने अपने ब्लॉग में वायरस की कुंडली तो साझा की ही हैं. साथ ही उसके अंत होने का तर्क भी अपने ब्लॉग पर शेयर किया है. इसके साथ ही अमनप्रीत ने कोरोना वायरस को लेकर लोगों की आर्थिक तंगी और आर्थिक विकास को भी दिखाया है. लिखा है कि वायरस के जरिये, वायरस का डर चिकित्सा क्षेत्र को विकास की गति दे रहा है. लोग सेनेटाइजर, मास्क खरीदकर वायरस से बचने की कोशिश कर रहे हैं. यह एक विकास की गति है. वहीं जिनके पास सुरक्षा सामग्री नहीं है, वे मौत के प्रेमी हैं. आर्थिक तंगी के आंसू रो रहे हैं.
रोज की तरह आज मैं सुबह 5:30 बजे चाय बनाने के लिए उठा़ अचानक मेरे मन में आया चलो देखते हैं मैं कितनी चीजों को छूता हूं. गिनना शुरू किया़ सबसे पहले सेल फोन, फिर लाइट स्विच, बाथरूम की डोर नॉब, वाश बेसिन टैप, सीढ़ियों की रेलिंग, किचन डोर नॉब, किचन का लाइट स्विच, चाय के पतीले का हैंडल, पानी की टैप, गैस लाइटर, गैस का स्विच, चाय की पत्ती और शक्कर और इलायची के डब्बे, क्रॉकरी की अलमारी, तीन कप, तीन रकाबी, दो चम्मच, फ्रिज का हैंडल, दूध का पतीला, स्टील की कड़छी, दराज, कुर्सी, बिस्किट का डब्बा, तीन बिस्किट के पैकेट जो खोल कर अधूरे छोड़े गये़ यानी कुल मिला कर 10 मिनट के अंतराल में मैं लगभग 35 वस्तुओं के संपर्क में आया. मुझे आश्चर्य हुआ.
अगर 10 मिनट में यह हाल है तो दिन भर में हम कितनी चीजों के संपर्क में आते होंगे? मजे की बात की है कि थोड़ी देर बाद अगर मेरी पत्नी को दो कप चाय बनानी है, तो उसको भी इन सभी चीजों को छूना पड़ेगा यानी करीब 35 वस्तुओं को छूना पड़ेगा.
ये तो सिर्फ घर का हाल है जहां गिनती के प्राणी रहते हैं. प्रोविजन स्टोर के शोरूम के मुख्य द्वार के हैंडल को छूते ही आप उस चीज को छूते हैं जिसे शायद पांच सौ से एक हजार लोग पहले ही लोग छू चुके हैं. एक संक्रमित व्यक्ति दिन भर में कितनी सतहों को संक्रमित कर सकता है यह शायद हमारी सोच से बाहर है. और विदेशों में वातावरण ठंडा होने के कारण कोरोनावायरस एक ही सतह पर घंटों तक सक्रिय रह सकता है. इसीलिए बार-बार कहा जा रहा है दिन में जितनी बार हो सके अपने हाथ धो लीजिए. और अपने हाथों को अपनी नाक आंखें मुंह और चेहरे से दूर रखें.
सोस्र
-सोशल मीडिया से
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.