पटना : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैली नोवेल कोरोना महामारी को लेकर बिहार में थोड़ी राहत की बात है. अलर्ट के बाद सूबे में अब तक 57 संदिग्धों की वायरोलॉजी जांच करायी गयी, जिनमें एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला है. पटना एम्स की मेडिकल स्टूडेंट्स भी कोरोना की संदिग्ध मरीज की सूची में है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 25 जनवरी से लेकर अब तक कोरोना से पीड़ित देशों से लौटे कुल 274 यात्रियों को सर्विलांस पर रखा गया. हालांकि, इनमें से 86 यात्रियों के 14 दिनी निगरानी टेस्ट में पास कर जाने पर उनको जांच के दायरे से बाहर कर दिया गया है.
पटना एम्स की मेडिकल स्टूडेंट्स को कोरोना से संक्रमित होने के संदेह में एम्स में ही भर्ती कराया गया है. स्पेशल आइसोलेशन वार्ड में रखकर उसकी निगरानी की जा रही है. एम्स की नर्सिंग फर्स्ट इयर की यह स्टूडेंट पंजाब की रहने वाली है. इसके ब्लड के सैंपल को जांच के लिए पटना के आरएमआरआइ सेंटर में भेजा गया है. एम्स पटना के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ सीएम सिंह ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने पर ही स्पष्ट नहीं हो पायेगा कि उसे कोरोना है या नहीं. सोमवार को आरएमआरआइ से इनकी रिपोर्ट मिलने की संभावना है.
पटना एम्स में दुबई से बीमार होकर भर्ती हुए गोपालगंज के युवक राकेश गिरि की जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी है. रिपोर्ट निगेटिव मिलने से एम्स प्रशासन और राकेश के परिजनों ने राहत की सांस ली है. एम्स पटना के कॉर्डिएक विभाग के हेड डॉ संजीव कुमार ने बताया कि राकेश गिरि को कई तरह की शिकायतें हैं, जिनकी जांच हो रही है. उसे कोरोना की आशंका में आइसोलेशन वार्ड में एहतियात के तौर पर रखा गया था.