पटना : चीन में कहर बरपाने वाली कोरोना वायरस का असर अब पूरे विश्व पर पड़ने लगा है. इटली, ईरान समेत कई देशों में सैकड़ों का संख्या में लोग इसकी चपेट में आये है. भारत में भी कोरोना वायरस से संक्रमण के ममाले बढ़ने लगे है. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूरी बनाने को कहा जा रहा है. लोगों को दूसरे देशों की यात्रा पर जाने से बचने के लिये कहा जा रहा है, जिसका असर पर्यटन पर भी पड़ रहा है.
कोरोना वायरस से बचने के लिए सरकार के निर्देश पर वैशाली, कोल्हुआ सिहत बिहार के अन्य दशर्नीय स्थलों पर म्यांमार, चीन, थाईलैंड आिद देशों से आने वाले पयर्टकों ने दौरा रद्द कर दिया है. इससे जुड़े व्यवसाय पर काफी असर पड़ा है. बखरा स्थित वर्मा मंदिर के प्रधान वेनरेबल सूयार् व बुद्धिष्ट सोसाइटी के वेनर सुजीत कुमार व इंजीनियर पारापोट चंतारा छेद ने बताया कि कोरोना वायरस के बारे में सुन कर लोगों में दहशत है. सरकार के निर्देशानुसार 13 अप्रैल 2020 तक लगभग दजर्नों टीम के 2200 पयर्टकों का दौरा रद्द कर दिया गया है.
रद्द होने वाले ग्रुप में एसीटी टीम (120 पर्यटक), वर्ल्ड म्यांमार टीम (55), थान तुन टीम (130), विन विन टीम (140) सिहत 13 अप्रैल तक लगभग 1700 सैलानियों के दौड़ा रद्द किया गया है. उन्होंने बताया कि दौरा रद्द होने से ग्रुप लीडर, स्थानीय दुकानदार, फल, फुल, माला व्यवसायी के साथ होटल व्यवसाय भी बंदी के कगार पर है. म्यांमार के करीब 300 पयर्टक स्वदेश लौट गये. वहीं, हजारों की संख्या में बोध गया के होटलों में फंसे पयर्टक अपने वतन वापसी का इंजतार कर रहे हैं. गया से लगभग 1500 पयर्टक शिनवार की शाम तक अपने देश के लिए प्रस्थान कर गये.
कोरोना वायरस को लेकर भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट जारी किया गया है. भारत सरकार ने विदेशी पर्यटकों के आवागमन पर रोक लगा दी है. वहीं, नेपाल से आने वाले लोगों की जांच की जा रही है. थर्मल थर्मामीटर से मेडिकल जांच के बाद ही नेपाल से आने वाले लोगों को भारत में प्रवेश दिया जा रहा है. सीमा पर उपलब्ध संसाधनों से ही चिकित्सकों की टीम लोगों की जांच कर रही है.
कोरोना वायरस के कारण बिहार-नेपाल सीमा को भी बंद कर दिया गया है. जोगबनी के बिहार-नेपाल बार्डर को भी 15 मार्च से विदेशियों के लिये बंद कर दिया गया है, अब यहां से केवल भारत और नेपाल के लोग ही आ-जा सकेंगे.