कोलकाता : विदेशी मेहमानों की संख्या में आयी गिरावट से मध्य कोलकाता के होटलों में सन्नाटा छा गया है. मध्य कोलकाता के अधिकांश होटल व गेस्ट हाउस लगभग 90 प्रतिशत खाली हो चुके हैं. ऐसे में यहां के होटलों ने किराया कम कर दिया है, उसके बावजूद होटल के कमरे खाली पड़े हैं. कोरोना वायरस के आतंक की वजह से केंद्र सरकार ने विदेशी पर्यटकों को वीजा देना बंद कर दिया है. मध्य कोलकाता के सदर स्ट्रीट, मिर्जा गालिब स्ट्रीट व आस-पास के क्षेत्रों में स्थित सभी होटलों की बुकिंग अप्रैल मध्य तक रद्द की जा चुकी है.
सामान्य रूप से यहां के होटलों का किराया डेढ़ हजार रुपये प्रतिदिन है, लेकिन कोरोना के आतंक से यह किराया घट कर आठ सौ से एक हजार रुपये हो गया है और इस किराये में भी लोग नहीं मिल रहे हैं. गौरतलब है कि मध्य कोलकाता के स्टुअर्ट लेन, टोटी लेन, हार्टफोर्ड लेन सहित अन्य क्षेत्रों में पूरे साल भर विदेशी पर्यटकों की भरमार रहती है. लेकिन पिछले कुछ दिनों में यहां के अधिकांश होटल खाली हो चुके हैं.
जो पर्यटक अभी भी हैं, वह भी कुछ दिनों में अपने कमरे खाली कर देंगे. यहां के होटल मालिकों का कहना है कि अगर यह परिस्थिति एक सप्ताह तक रहती है, तो बिजली खर्च तक निकालना मुश्किल हो जायेगा. वहीं, केंद्र सरकार ने अप्रैल मध्य तक विभिन्न यूरोपियन देशों के पर्यटकों को वीजा देना बंद कर दिया है, ऐसे में उन्हें काफी नुकसान होगा.
यहां स्थित होटल जापान के मैनेजर विमल मित्रा ने बताया कि होटल के 47 घरों में से 29 कमरे खाली हो गये हैं. जिन कमरों में लोग रह रहे हैं, वह अभी कोलकाता में रहने की अवधि को कम करते हुए शनिवार को ही होटल खाली करने की बात कह दी है. यही नहीं, आगामी 45 दिनों तक की बुकिंग रद्द करने का निर्देश दिया गया है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि सारा दिन होटलों में दलालों की भीड़ लगी रहती थी, लेकिन अब पूरा होटल ही खाली पड़ा है. होटल के कर्मचारियों का वेतन या बिजली बिल का भुगतान कैसे होगा, यह समझ में नहीं आ रहा.
स्टुअर्ट लेन स्थित होटल रॉयल में एक दिन में 22 लोगों ने कमरे खाली कर दिये. 27 कमरों वाले इस होटल में मात्र एक कमरा बुक है. होटल के चेक आउट तालिका को दर्शाते हुए प्रबंधक प्रणब जाना ने कहा कि होटल में मेहमान आते-जाते हैं. यह स्वाभाविक है. कभी-कभी कुछ घर खाली भी रहते हैं, लेकिन एक साथ होटल के सभी कमरे खाली हो, ऐसा कभी नहीं हुआ.