रांची : शुक्रवार की रात और शनिवार को झारखंड के कई इलाकों में जम कर बारिश हुई. बारिश, ओलावृष्टि और वज्रपात से काफी नुकसान हुआ है. फसलों को हुए नुकसान से किसानों की आंखों से भी आंसू गिर रहे हैं़ पलामू में बारिश के कारण घर गिर जाने से एक महिला की मौत हो गयी है. वहीं गढ़वा, पलामू, गुमला, चतरा में वज्रपात से कई मवेशी की मौत हो गयी. तेज बारिश के कारण चतरा की गेरुआ नदी पर बना एक पुल टूट गया है. इससे कई गांवों का चतरा जिले से संपर्ट टूट गया है.
राजधानी में भी शनिवार को करीब दिन भर बारिश हुई. इससे ग्रामीण इलाकों में फसलों को काफी नुकसान हुआ. वहीं शहरी आबादी घरों में कैद हो गयी. मौसम विभाग ने पूर्वानुमान किया है कि 16-17 को लोगों को बारिश से राहत मिल सकती है, लेकिन 18 से 20 मार्च तक फिर मौसम खराब होने का पूर्वानुमान है. इस दौरान कहीं-कहीं भारी बारिश भी हो सकती है.
चतरा : बारिश से कई पुल-पुलिया बह गये. खेत जलमग्न हो गये. वज्रपात से लावालौंग में सात व सिमरिया में दो मवेशी की मौत हो गयी. टंडवा में ओलावृष्टि से गेहूं, प्याज, सरसों, चना, मटर, टमाटर व मसूर की फसल को काफी क्षति पहुंची है.
गढ़वा : शुक्रवार की रात वज्रपात से दो महिला घायल हो गयी. वहीं कई मवेशी मर गये. वज्रपात के साथ ओलावृष्टि से किसानों की फसलें भी बर्बाद हो गयीं.
लोहरदगा : बेमौसम बारिश से गेहूं, चना व सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा है. बंधा गोभी, फूल गोभी, मटर, टमाटर सहित अन्य सब्जियां बर्बाद हो गयीं. खेतों में घुटने भर पानी भर गया.
पलामू : बारिश से पाटन के नौडीहा गांव में एक घर गिर गया, इससे घर में सोये व्यक्ति गोविंद सिंह की मौत हो गयी.
गुमला : बारिश व ओलावृष्टि के कारण 200 से अधिक किसानों की फसल बर्बाद हो गयी है. इससे करीब 40 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.
खूंटी : मेन रोड व अन्य क्षेत्रों में दर्जनों पेड़ गिर गये. बारिश से टमाटर, गोभी, पत्ता गोभी के भाव काफी गिर गये. किसानों का कहना है कि फसल बेच कर भी अब पूंजी वापस नहीं आयेगी. उधार लेकर सब्जी की खेती की थी.
हजारीबाग : जिले में कई स्थानों पर 2.5 सेमी आकार का ओला गिरा. बड़कागांव में हरदा नदी का पानी पुल के ऊपर से बहने लगा. वहीं छवनिया पुल निर्माण का सेटरिंग बह गया. 200 से अधिक खपरैल व एलबेस्टर के घर क्षतिग्रस्त हो गये. बारिश और तेज हवा के चलते बिजली भी गुल रही. सब्जी, गेंहू, चना, मटर, आम व लीची के मंजर, पपीता, महुआ समेत फसलों को काफी नुकसान हुआ. बारिश के दौरान बरकट्ठा एनएच-दो में छह वाहन आपस में टकरा गये. इसमें एक व्यक्ति की मौत व तीन लोग घायल हो गये.
दामोदर नदी पर बना डायवर्सन बहा – पिपरवार : बारिश के कारण जलस्तर बढ़ने से अशोक परियोजना के निकट दामोदर नदी पर बना डायवर्सन बह गया. इससे अशोक-आरसीएम साइडिंग की कोयला ढुलाई ठप हो गयी. वहीं, क्षेत्र की अशोक व पिपरवार परियोजना खदानों में उत्पादन कार्य नहीं हो सका.
लातेहार : लातेहार जिले की प्रमुख नदियों में मार्च के महीने में ही बाढ़ की स्थिति है. औरंगा एवं बरवाडीह की कोयल व गारू की चौपत नदी में पानी उफान पर है. एनएच-99 के गोनिया के पास एक डायवर्सन क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण वाहनों की लंबी कतार लगी थी. वहीं एक हाइवा बह गया था. हालांकि हाइवा के चालक व उप चालक को स्थानीय लोगों की मदद से निकाल लिया गया.
बेमौसम बारिश ने मचायी तबाही : झारखंड में एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर
कहां कितनी बारिश हुई
स्थान बारिश (मिमी में)
हजारीबाग 98.2
मेदनीनगर 46.2
गढ़वा 100.00
चतरा की गेरुआ नदी पर बना पुल टूटा, संपर्क कटा
वज्रपात से राज्य भर में कई मवेशी की हुई मौत
झारखंड में एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव है. इसका असर दिख रहा है. इसके साथ-साथ वेस्टर्न डिस्टरवेंस (पश्चिमी विक्षोभ) है. बंगाल की खाड़ी से आयी पूर्वी हवा और पश्चिमी हवा छत्तीसगढ़ के आसपास मिल रही है. इसका असर झारखंड पर भी दिख रहा है. 16 और 17 मार्च को यह कम एक्टिव रहेगा. 18 से फिर सक्रिय होने की उम्मीद है. इससे 19 और 20 मार्च को फिर से बारिश हो सकती है.
एसडी कोटाल, निदेशक, मौसम विज्ञान केंद्र