मधुबनी : कोरोना वायरस को लेकर सदर अस्पताल के सभागार में जिला में प्रतिनियुक्त अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ राधा कांत सिंह सुधाकर की अध्यक्षता में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व अधीक्षक का एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ. कार्यशाला में सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को तकनीकी रूप से जानकारी दी गयी कि किसी संदिग्ध मरीज के आने पर किस तरह से उसे नियंत्रित करना है एवं संदिग्ध मरीज के मिलने पर रैपिड रिस्क प्रवर्धन कैसे करना है.
सैंपलिंग करने का तरीका संक्रमण के फैलने से बचाव की जानकारी दी गई. कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज की पहचान होने पर संवंधित व्यक्ति द्वारा पिछले 14 दिन में वह जिन – जिन स्थानो पर गया व जिन – जिन लोगों के संपर्क में रहा है उन सब को निगरानी के दायरे में रखा जाएगा. स्वास्थ्य विभाग द्वारा अगले 31 मार्च तक ग्राम सभा बंद कर दिया गया है. साथ ही कोरोना से बचाव के लिए कम से कम 1 मिनट तक साबुन और पानी से हाथ धोने का भी निर्देश दिया गया. बैठक में निर्देश दिया गया कि सभी प्रभारी पदाधिकारी अपने स्वास्थ्य संस्थान के सभी चिकित्सा पदाधिकारी एवं पैरामेडिकल कर्मी को जागरूक करेंगे.
सीमा पर लोगों की हुई स्क्रीनिंग. मेडिकल टीम के पास हाथ धोने के लिए साबुन पानी व सेनीटायजर आवश्यक रुप से उपलब्ध होना चाहिए. सभी स्वास्थ्य कर्मी अपनी तरफ से लोगों को बार-बार हाथ धोना व टिशू पेपर रखने आदि की जानकारी देंगे. अगर कोई व्यक्ति 14 दिनों के अंदर विदेश से आता है तो वैसे लोगों को चिन्हित कर उसे उसकी स्क्रीनिंग करने सहित विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी दी गई. जिला में इंडो- नेपाल बॉर्डर पर बनाये गये 13 इंट्री प्वांईट पर 30 जनवरी से 13 मार्च तक 31 हजार 23 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है. कोरोना वायरस ग्रसित देशों से लौटे 12 यात्रियों को सर्विलांस में रखा गया है. जिसमें सभी लोगों को 14 दिन आइसोलेशन में रखा गया तथा कोई प्रभाव न पाए जाने पर उन्हें छोड़ दिया गया. कार्यशाला में कोरोना वायरस के संदर्भ में एमओआईसी की अध्यक्षता में सभी ग्राम पंचायत में ग्राम सभा की बैठक 31 मार्च तक स्थगित करने का निर्देश दिया गया.
सभी पंचायती राज सदस्य, ए.एन.एम, आंगनबाड़ी सेवक, हेल्थ केयर वर्कर को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक किया गया. बैठक में वर्तमान में बॉर्डर से सटे 14 इंट्री प्वाइंट को बढ़ाकर 17 करने करने का निर्देश दिया गया. कोई भी संदेहास्पद मरीज अगर मिलता है तो उसे एंबुलेंस में डीएमसीएच रेफर करने एवं उस एंबुलेंस में ड्राइवर के अलावा कोई अटेंडेंट नहीं होगा. ड्राइवर पी पी ई पोशाक में होगा. साथ ही यह एंबुलेंस कंपार्टमेंट में होगा. जिसमें ड्राइवर अलग और मरीज पीछे की ओर अलग केबिन में होगा. जिला स्तर की गतिविधियों की नियमित निगरानी की जा रही है. संदेहास्पद यात्रियों को चिन्हित कर 14 दिनों के लिए सर्विलांस पर रखा जा रहा है. बैठक में क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ आर के सिंह सुधाकर, सिविल सर्जन डॉ केसी चौधरी, एसीएमओ डॉ.सुनील कुमार, डीआईओ डॉ एस के विश्वकर्मा, एनसीडीओ डॉ एस पी सिंह सीडीओ डॉ आरके सिंह केयर इंडिया के डिटेल महेंद्र सिंह आईडीएसपी के जिला समन्वयक अनिल चक्रवर्ती प्रीतम कुमार आदि उपस्थित थे.