रांची : राज्यसभा चुनाव के लिए झारखंड से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार दीपक प्रकाश ने शुक्रवार (13 मार्च, 2020) को अपना नामांकन दाखिल किया. भाजपा उम्मीदवार ने विधानसभा में निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष अपना पर्चा दाखिल किया. उनके नामांकन के समय प्रदेश के तीन पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा और रघुवर दास समेत पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे.
नामांकन दाखिल करने से पहले विधायक अनंत ओझा के धुर्वा स्थित आवास पर भाजपा नेताओं की एक बैठक हुई. यहां से सभी नेता विधानसभा भवन पहुंचे और वहां दीपक प्रकाश ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया. इस अवसर पर तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के अलावा विधायक अनंत ओझा और पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री एवं मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह मौजूद थे.
झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नामांकन के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने विश्वास जताया कि भाजपा उम्मीदवार की जीत पक्की है. उल्लेखनीय है कि भाजपा के अपने 25 विधायक हैं. बाबूलाल मरांडी को मिलाकर 26 विधायक हो जाते हैं.
सुदेश महतो की पार्टी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी के भी 2 विधायक हैं. निर्दलीय विधायक सरयू राय का समर्थन भी दीपक प्रकाश को मिल सकता है. इस तरह 29 विधायकों का समर्थन भाजपा उम्मीदवार दीपक प्रकाश को मिल सकता है. एक सीट जीतने के लिए किसी भी पार्टी को 28 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी. इस तरह दीपक प्रकाश अपनी सीट जीत लेंगे, ऐसी उम्मीद है.
ज्ञात हो कि सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष दिशोम गुरु शिबू सोरेन को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है. उनकी जीत भी निश्चित है, क्योंकि झामुमो के पास खुद के 30 विधायक हैं. वहीं, कांग्रेस ने शहजादा अनवर को मैदान में उतार दिया है, जिससे दूसरी सीट पर मतदान की नौबत आ गयी है.
कांग्रेस, झामुमो और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के गठबंधन को विधानसभा चुनाव में 47 सीटों पर जीत मिली थी. झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक (जेवीएम-पी) के दो विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. इस तरह उनके विधायकों की संख्या 49 हो जाती है.
कांग्रेस प्रत्याशी को जीत के लिए कम से कम 28 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी, जबकि शिबू सोरेन को 28 वोट पड़ने के बाद यूपीए के पास मात्र 21 वोट बाकी बचेंगे. ऐसे में दूसरे उम्मीदवार को जिताने के लिए कम से कम 7 वोट का जुगाड़ कांग्रेस और यूपीए को करना होगा.
ऐसे में देखना है कि कांग्रेस किसी तिकड़म से अपने उम्मीदवार को जिता लेती है या यह साबित करती है कि सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए उसने अपना उम्मीदवार उतार दिया है. प्रदेश के पूर्व खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा भी है कि कांग्रेस ने सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार मैदान में उतारा है. उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था.