पटना : कोरोना वायरस का दुनिया भर में बढ़ते प्रकोप का असर दुनिया भर के शेयर बाजारों के साथ भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा है. करीब 12 वर्षों बाद भारतीय शेयर बाजार को लोअर सर्किट का सामना करना पड़ा है. आज से पहले 22 जनवरी, 2008 को सेंसेक्स में 3150 अंकों की गिरावट होने पर लोअर सर्किट लगा था.
12 साल पहले लगा था शेयर बाजार में सर्किट
करीब 12 साल पहले भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही थी. 22 जनवरी, 2008 को इंट्रा-डे में 2272 अंकों की भारी गिरावट दर्ज किये जाने के बाद लोअर सर्किट लगाया गया था. जानकारी के मुताबिक, 21 जनवरी, 2008 को सेंसेक्स में 1,408 अंकों की गिरावट के साथ 17,605.40 के स्तर पर बंद हुआ था. उसके बाद 22 जनवरी, 2008 को सेंसेक्स में सबसे बड़ी इंट्रा-डे गिरावट देखी गयी. यह 2,272 अंक गिर कर 15,332 के निचले स्तर पर पहुंच गया. हालांकि, सेंसेक्स 875 अंक की गिरावट पर 16,730 अंक पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 310 अंक की गिरावट के साथ 4,899 पर बंद हुआ. बीएसई में बेंचमार्क सेंसेक्स 15.576.30 के निचले स्तर पर पहुंचने के 10 मिनट के अंदर सर्किट सीमा को पार कर गया और एक घंटे के लिए ट्रेडिंग बंद कर दी गयी.
दुनिया भर के बाजार में गिरावट दर्ज
वॉल स्ट्रीट और एशियाई इक्विटी बाजारों में गिरावट देखी जा रही है. गुरुवार को यूएस डॉव में आठ फीसदी की गिरावट दर्ज किये जाने के बाद लोअर सर्किट लग गया. एशियाई बाजारों, थाईलैंड इंडेक्स में 10 फीसदी की गिरावट के बाद बाजार बंद हो गया. वहीं, निक्केई, हांगकांग और दक्षिण कोरिया इंडेक्स में भी करीब आठ फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी.
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