पटना : होली के बाद लौटने वालों की भीड़ गुरुवार को जंक्शन पर दिखी. दोपहर बाद दिल्ली जाने वाले यात्री पटना जंक्शन पहुंचने लगे थे और तीन बजे के बाद भीड़ बढ़ गयी. प्लेटफॉर्म संख्या-चार पर 4:50 बजे विक्रमशिला एक्सप्रेस पहुंची, तो चढ़ने के लिए मारामारी की स्थिति बन गयी. वेटिंग व जनरल टिकट लिये यात्री स्लीपर डिब्बे में सवार हो गये. इससे जनरल डिब्बे की तरह स्लीपर डिब्बा हो गया, जिससे कन्फर्म टिकट लिये यात्रियों की परेशानी बढ़ गयी. पटना दिल्ली रवाना होने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस हो या फिर श्रमजीवी एक्सप्रेस, संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस, मगध एक्सप्रेस आदि ट्रेनें.
इन ट्रेनों में वेटिंग टिकट लेकर चढ़ने वाले यात्रियों की संख्या ढाई सौ से साढ़े चार सौ के बीच थी. सबसे अधिक वेटिंग टिकट लेकर संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस में यात्री चढ़े. इससे स्लीपर डिब्बे के एक बर्थ पर पांच-पांच यात्री बैठ दिल्ली के लिए रवाना हुए. इतना ही नहीं, संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस के जनरल डिब्बा में पांव रखने तक की जगह नहीं थी. यात्री गेट से लेकर शौचालय तक में लटके हुए दिखे.
स्पेशल ट्रेनों से ज्यादा नियमित ट्रेनों में उमड़ रही है भीड़ : यात्रियों की संभावित भीड़ को देखते हुए रेलवे ने पटना-मुंबई स्पेशल ट्रेन चलायी. यह ट्रेन शुक्रवार को जंक्शन से रवाना होगी, जिसमें स्लीपर डिब्बे में सिर्फ 42 वेटिंग सूची है. वहीं, शुक्रवार को पाटलिपुत्र से खुलने वाली पाटलिपुत्र-मुंबई एक्सप्रेस के स्लीपर में 375 से अधिक वेटिंग सूची है. इसके साथ ही पटना-मुंबई कुर्ला एक्सप्रेस के स्लीपर में भी सौ के करीब वेटिंग सूची है. इतना ही नहीं, दानापुर-पुणे के बीच भी स्पेशल ट्रेन है. लेकिन, दानापुर-पुणे के बीच चलने वाली नियमित ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ ज्यादा दिखी.
पटना आने वाली बसों की छतों पर भी बैठे दिखे यात्री : होली के बाद घर से वापस अपने कार्यस्थल को लौटने वालों की भीड़ गुरुवार से शहर के दोनों बस स्टैंड में उमड़ने लगी है. मीठापुर बस स्टैंड में दोपहर तक भीड़ इतनी बढ़ गयी कि जो भी बसें अलग-अलग जगहों से आ रही थी, पूरी तरह भरी हुई थी और कई के तो छत पर भी यात्री बैठे हुए थे. ज्यादातर यात्री बस स्टैंड के गेट पर ही उतरकर पटना जंक्शन की ओर जाते दिखे. पटना आने वाली बसें फुल थी ही, पटना से जाने वाली बसें भी भरी दिखी.
लोगों की भीड़ का वेंडरों ने भी खूब फायदा उठाया और पानी बोतल की दोगुनी कीमत तक वसूलते दिखे. बांकीपुर बस स्टैंड की भी कमोबेश यही स्थिति रही. स्टैंड परिसर में प्रवेश करने वाली हर बस यात्रियों से भरी थी. साथ ही जानेवाली बसों में भी लोगों को सीट के लिए मशक्कत करनी पड़ रही थी. हालांकि आने वाली बसों की तुलना में उनमें कम भीड़ थी. शुक्रवार और शनिवार को भीड़ और भी बढ़ने की आशंका है.