17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Coronavirus से अर्थव्यवस्था में हल्के झटके के आसार, रिवेन्यू कलेक्शन लक्ष्य से चूक सकती है मोदी सरकार

Coronavirus के असर से भारतीय अर्थव्यवस्था को झटके लगने के आसार नजर आ रहे हैं. एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि चालू वित्त वर्ष में मोदी सरकार टैक्स और विनिवेश से राजस्व वसूली में अपने ही लक्ष्य से चूक सकती है.

नयी दिल्ली : कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने की वजह से सरकार चालू वित्त वर्ष में राजस्व संग्रह के लक्ष्य से चूक सकती है. इस महामारी की वजह से मांग और आर्थिक गतिविधियां सुस्त पड़ेंगी, जिससे अगले वित्त वर्ष यानी 2020-21 में भी सरकार के लिए राजस्व संग्रह के लक्ष्य को हासिल करना चुनौतीपूर्ण होगा. भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पहले ही 11 साल के निचले स्तर पर आ चुकी है. ऐसे में, कोरोना वायरस के चलते सरकार ने वीजा पर अंकुश लगाये हैं, जिससे पर्यटन और होटल क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.

एक अधिकारी ने कहा कि कोरोनावायरस का प्रभाव जून अंत तक बने रहने की आशंका है. इससे विनिवेश तथा कर संग्रह में और गिरावट आयेगी. हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में आयी जोरदार गिरावट से चालू वित्त वर्ष में राजस्व नुकसान की कुछ भरपाई हो सकेगी. अधिकारी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से चालू खाते का घाटा (कैड) कम होगा और मुद्रास्फीति भी नीचे आएगी, लेकिन आर्थिक गतिविधियों में कमी से कर संग्रह घटेगा.

हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) की रणनीतिक बिक्री प्रभावित हो सकती है. पिछले एक महीने के दौरान कंपनी के बाजार पूंजीकरण में भारी गिरावट आयी है. सऊदी अरब और रूस के बीच आपूर्ति सीमित करने के लिए सहयोग की स्थिति टूटने से वैश्विक स्तर पर कच्चा तेल के दाम 20 फीसदी घटकर 35 डॉलर प्रति बैरल पर आ गये हैं.

इसके अलावा, कोरोना वायरस की वजह से सीपीएसई की विनिवेश योजना पर भी असर पड़ा है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोड शो को रोकना पड़ा है. बीएसई का सेंसेक्स गुरुवार को 2,919.26 अंक या 8.18 फीसदी टूटकर 32,778.14 अंक पर आ गया. यह सेंसेक्स के इतिहास में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है.

सरकार ने बजट में विनिवेश से 65,000 करोड़ रुपये जुटाने का संशोधित अनुमान लगाया था. अभी तक सरकार विनिवेश से 35,000 करोड़ रुपये ही जुटा पायी है. अधिकारियों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से राजस्व लक्ष्य से 15,000 से 20,000 करोड़ रुपये कम रह सकता है. सरकार ने इस साल 31 जनवरी तक 7.52 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर संग्रह किया है.

संशोधित अनुमान में प्रत्यक्ष कर संग्रह 11.70 लाख करोड़ रुपये रहने का लक्ष्य रखा गया था. अधिकारियों ने कहा कि सरकार अभी 2020-21 के लिए अपने आर्थिक वृद्धि दर को 6 से 6.5 फीसदी पर ही कायम रख रही है. चालू वित्त वर्ष में इसके पांच फीसदी रहने का अनुमान है. देश में गुरुवार तक कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 73 हो गयी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें